मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजनीतिक कार्यकर्ता जिस मौके का लंबे वक्त से इंतजार कर रहे थे वो घड़ी आ गई है. चुनाव आयोग ने उप-चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश की 28 सीटों समेत 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव में वोटिंग 3 नवंबर को होने वाली है. वहीं उप-चुनाव के नतीजे बिहार (Bihar) विधानसभा के नतीजों के साथ ही 10 नवंबर को आएंगे.
मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर होना है उपचुनाव
ग्वालियर
डभरा
बमोरी
सुरखी
सांची
सांवेर
सुमावली
मुरैना
दिमनी
अंबाह
मेहगांव
गोहद
ग्वालियर पूर्व
भांडेर
करैरा
पोहरी
अशोकनगर
मुंगावली
अनूपपुर
हाट पिपल्या
बदनावर
सुवासरा
बड़ामलहरा
नेपानगर
मंधाता
जोरा
आगर
ब्यावरा
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संकट के पहले मार्च में कैसे सत्ता पलटी, सभी ने देखा. थोक में कांग्रेस विधायकों ने घेराबंदी की और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस से इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार गिरा दी. लेकिन कांग्रेस से बीजेपी में आए 'रणबांकुरों' के लिए अब बारी है फिर से बीजेपी के टिकट पर जनादेश पाने की. मौका है मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनावों का. और इन 28 सीटों में से 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर चंबल क्षेत्र की हैं.
पहले चुनावी गणित समझिए
230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 202 सदस्य हैं और वहीं 28 सीटें खाली हैं, जिनके लिए उपचुनाव होना है. कांग्रेस 114 से घटकर 88 सीट, बीजेपी के पास 107 और 7 अन्य विधायक हैं. कांग्रेस के 25 विधायकों ने इस्तीफा दिया है और उम्मीद की जा रही है कि ये सारे 25 लोग बीजेपी के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे. बीजेपी के 107 विधायक हैं और इसके अलावा 7 (BSP 2, SP 1, अन्य 4) का भी समर्थन हासिल है. आने वाले उपचुनाव में बीजेपी को बहुमत के लिए सिर्फ 9 विधायकों की जरूरत है. जबकि कांग्रेस को अगर बहुमत चाहिए तो उन्हें क्लीन स्वीप करना होगा. कम से कम 26 सीटें तो जीतनी ही होंगी.
कांग्रेस खार खाई बैठी है!
जब से कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई है और बीजेपी सत्ता में आई है, कांग्रेस खार खाई बैठी है. उपचुनाव में कांग्रेस के पास मौका है कि वो बीजेपी को पटखनी दे और फिर से सत्ता में वापसी करे. कांग्रेस को खुद को साबित करने का मौका है, लेकिन राह इतनी आसान नहीं है. वैसे कमलनाथ अपना पूरा जोर लगा रहे हैं. बीजेपी से नाराज लोगों से वो खुद मुलाकात कर रहे हैं.
कोरोना वायरस संकट में भी राजनीति की रफ्तार तेज
पूरी दुनिया से अभी कोरोना वायरस संकट टला नहीं है. भारत में तो अभी तक हम पीक तक भी नहीं पहुंचे लेकिन मध्य प्रदेश में भारी तादाद में भीड़ जमा करके राजनीतिक गतिविधियों जोरों से हो रही है. पिछले दिनों कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को बीजेपी में शामिल कराने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. सिंधिया चंबल इलाके में पूरे एक्शन में दिख रहे हैं और कार्यकर्ताओं को बीजेपी की सदस्यता दिला रहे हैं.
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