मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2 के तहत महाराष्ट्र सरकार कोरोना काल में भी बड़े निवेश को आकर्षित करने में कामयाब रही है. 16 देशों की अलग अलग कंपनियो के साथ करीब 16 हजार करोड़ के MoU सरकार ने साइन किए हैं. अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर जैसे देशों की कंपनियां इसमें शामिल हैं. महाराष्ट्र सरकार के साथ हुए करार में एक बात साफ है कि इसमें से एक भी प्रोजेक्ट विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए नहीं है.
कई सालों से रोजगार बढ़ाने की मांग
मुंबई और पुणे रीजन में बड़ी संख्या में उद्योग होने की वजह से राज्य के दूसरे हिस्सों में उद्योग को बढ़ावा देकर इन इलाकों में रोजगार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. ये मांग पिछले कुछ सालों से लगातार हो रही है. खासतौर पर विदर्भ और मराठवाड़ा के उन 14 जिलों में जहां किसानों की आत्महत्या सबसे ज्यादा देखने मिलती हैं. अगर इन जिलों में उद्योग आते हैं तो यहां विकास हो सकेगा. नागपुर -मुंबई express वे भी बन रहा है जिसके के चलते माल को लाने लेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
लेकिन फिलहाल सरकार ने जो करार किए हैं उसके मुताबिक सभी निवेश मुंबई -ठाणे और पुणे में होंगे. इसलिए अब ये भी आरोप लग रहे हैं कि विदर्भ और मराठवाड़ा की ओर सरकार का ध्यान नहीं है.
कौन सी कंपनी कहां और कितना निवेश करेगी
- एक्सॉन मोबील (अमेरिका)ऑइल एंड हैस- इसाम्बे, रायगड, 760 cr का निवेश
- हेंगली (चीन) इंजिनीयरिंग- तलेगांव पुणे, 250 Cr का निवेश
- असेंडास (सिंगापुर) लॉजिस्टिक- चाकण पुणे, भिवंडी, ठाणे, 560 cr का निवेश
- वरुण बेव्हरिजेस (भारत) अन्न प्रक्रिया- सुपा, अहमदनगर, 820 cr का निवेश
- हिरानंदानी ग्रुप (भारत) लॉजिस्टिक- भिवंडी- चाकण तळेगाव, 150 cr का निवेश
- असेट्ज (सिंगापुर) डेटा सेंटर- टीटीसी, ठाणे- महापे, 1100 Cr का निवेश
- इस्टेक (दक्षिण कोरिया) इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन - रांजणगाव, पुणे, 120 cr का निवेश
- पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सोल्यूशन जेव्ही विथ फोटोन (चीन) ऑटो-तळेगाव, 1000 cr का निवेश
- इसाम्बे लॉजिस्टिक (भारत) लॉजिस्टिक- रायगड, 1500 cr का निवेश
- रॉकबंक (सिंगापुर) डेटा सेंटर- ठाणे, हिंजेवाडी, पुणे,1500cr का निवेश
- युपीएल (भारत) केमिकल- शहापूर, रायगड, 5000 Cr का निवेश
- ग्रेट वॉल मोटर्स (चीन) ऑटोमोबाईल तळेगाव- पुणे, 3770 cr का निवेश
विपक्ष ने विदर्भ-मराठवाड़ा को लेकर उठाए सवाल
नेता विपक्ष और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र में निवेश आ रहा है सब के लिए खुशी की बात है. इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन विदर्भ और मराठवाड़ा मौजूदा सरकार के अजेंडे पर नहीं है. शायद यही वजह भी है की मौजूदा करार में इन इलाकों में कोई प्रोजेक्ट या निवेश होता हुआ नहीं दिखा. फडणवीस ने आगे कहा,
“दरअसल सरकार को विदर्भ और मराठवाड़ा में प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए उसकी मार्केटिंग करना जरूरी है. कंपनियों को इंसेंटिव देना होगा तभी इन इलाकों में कंपनिया प्रोजेक्ट लगाने में आकर्षित होंगी. हमारी जब सरकारी थी तब हमने बिजली 3 रुपए तक सस्ती दी थी जिसके बाद कुछ कंपनियां हम विदर्भ और मराठवाड़ा में लाने में कामयाब हो सके थे”देवेंद्र फडणवीस
वहीं उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने फड़नवीस को धीरज रखने की सलाह देते हुए कहा कि, अभी केवल 12 करार की हुए हैं ऐसे में देवेंद्र फड़नवीस अभी से सवाल उठा रहे हैं ये ठीक नहीं है.आने वाले दिनों में कई और बड़े निवेश होने हैं हमारी कोशिश है कि हर जिले में निवेश पहुंचे जिससे कि सभी का विकास हो सके,विदर्भ और मराठवाड़ा में भी निवेश हो इसके लिए हमारी पूरी कोशिश रहेगी .
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