ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून के लिए कितनी तैयार आमची मुंबई, ये रहे BMC और विपक्ष के दावे

देशभर में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, जहां कंफर्म केस का आंकड़ा 90 हजार पार कर चुका है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

देशभर में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, जहां कंफर्म केस का आंकड़ा 90 हजार पार कर चुका है. वहीं सिर्फ मुंबई में ही 51 हजार से ज्यादा कोरोना केस हैं. जाहिर है मुंबईकरों के लिए ये हालात बिलकुल सही नहीं है. अब मॉनसून भी मुंबई में दस्तक देने को तैयार है, मॉनसून की बारिश यूं तो राहत लेकर आती है लेकिन अगर मॉनसून आने से पहले शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर के सारे काम पूरे नहीं होते हैं तो मुंबईकरों को मुसीबत झेलनी पड़ती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसे में बीएमसी का दावा है कि प्री-मॉनसून सभी कामों को पूरा कर लिया गया है, मतलब कि इस बार मुंबईकरों को बारिश के मौसम में जगह-जगह गड्ढों में भरा पानी, सड़कों पर बहते पानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन बीएमसी के इस दावे को महानगरपालिका में विपक्ष में बैठी बीजेपी झूठा बता रही है. बीजेपी का दावा है कि अबी सिर्फ 40 फीसदी काम ही पूरा हो सका है.

बीएमसी Vs बीजेपी

मॉनसून की तैयारियों को समझने के लिए क्विंट ने बीएममसी आयुक्त इकबाल चहल से बात की. उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से महानगरपालिका का हर विभाग लोगों की बेहतरी में जुटा है, हर कर्मचारी काम में जुटा है इन सबके बीच प्री मॉनसून सभी काम पूरे कर लिए गए हैं. नालों की सफाई और पेड़ों की कटिंग जैसे काम मॉनसून के पहले किए जाते हैं. आमतौर पर मुंबई में ऐसी तैयारियां अप्रैल में शुरू हो जाती हैं.

उधर मुंबई बीजेपी का कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई इलाकों का दौरा किया जिसमें पाया गया की कई नालों की सफाई का काम अभी भी पूरा नहीं हो सकता है. जिसमें जुहू गझरबांध नाला, SNDT नाला, गोरेगांव पंप स्टेशन, भांडूप श्याम नगर नाला, चेंबुर के PWD और MMRDA नाले की सफाई का काम नहीं हो सकता है. पार्टी का दावा है कि शहर में पेड़ों की कटिंग भी कई इलाकों में नहीं हो सकी है.पेड़ों की कटिंग का मॉनसून आने से पहले काफी अहम माना जाता है. बारिश के वक्त पेड़ गिरने से लोगों के जान पर भी बन आती है.

समाजवादी पार्टी से विधायक और नगरसेवक रईस शेख ने भी बीएमसी के दावे को झूठा बताया है, शेख का कहना है कि BMC का पूरा फोकस COVID -19 पर था, इस साल 50% भी काम पूरा नहीं हो सका है जिससे मॉनसून का वक्त मुश्किल भरा हो सकता है.

निसर्ग तूफान के वक्त दिखी थी मुंबई की मुश्किल

हाल ही में जब महाराष्ट्र में निसर्ग तूफान ने दस्तक दी थी तो मुंबई में जगह-जगह अव्यवस्था देखने को मिली. बारिश और तूफान ने कई इलाकों में पेड़, बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचाया था, जिसे कुछ लोग बीएमसी के दावों की पोल खोलने वाला भी बता रहे थे. घाटकोपर इलाके के इस वीडियो को स्थानीय विधायक राम कदम ने शेयर किया था, जिसमें हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है.

कुल मिलाकर दावों और वादों से अलग मुंबईकरों को बस इतना चाहिए कि इस मॉनसून में भी उन्हें अव्यवस्था का खामियाजा न भुगतना पड़ेगा. सरकार, बीएमसी और विपक्ष में बैठे सभी नेता-कार्यकर्ताओं को ये सुनिश्चित करना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×