प्रयागराज हिंसा (Prayagraj Violence) के बाद पुलिस-प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में लगी है. हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद (Javed Mohammed) पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस को जावेद के घर से आपत्तिजनक पर्चा मिला है. जिसकी जांच की जा रही है. वहीं पुलिस पत्थरबाजी में शामिल 40 लोगों की फोटो भी जारी करने की तैयारी में है.
'हिंसा के लिए उकसाने के पर्याप्त सबूत मिले'
एसएससी अजय कुमार ने बताया कि जावेद के घर से लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कागज पर लोगों को इकट्ठा होने की बात लिखी गई है.
एसएसपी ने बताया कि पर्चा में लिखा था- 'अटाला पहुंचना है और जो भी अड़चन डालेगा उसपर वार करना है.'
उन्होंने आगे कहा कि, जिस घर से पर्चा मिला है उस घर के लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है. इसके साथ ही उन लोगों की भी पहचान की जा रही है, जिन्होंने पर्चा बांटा था.
40 पत्थरबाजों की फोटो जारी करने की तैयारी
प्रयागराज हिंसा में अब तक 92 लोगों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. वहीं पुलिस 40 पत्थरबाजों के पोस्टर लगाने की तैयारी में है. प्रयागराज एसएससी अजय कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 'पोस्टर पार्ट-1' में 40 लोगों की फोटो जारी की जाएगी. जिसमें वह पत्थर फेंकते दिखाई दे रहे हैं.
प्रयागराज में भारी सुरक्षाबल तैनात
जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में हिंसा के बाद पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 10 जून के मुकाबले यहां 12 गुना ज्यादा पुलिसबल तैनात की गई है. एसएससी ने बताया कि, अतिरिक्त पुलिसबल का वेतन और राशन का खर्च भी जोड़कर आरोपियों से वसूला जाएगा, जो हिंसा में शामिल हैं. यह राशि करोड़ों में है.
"10 जून को हुई हिंसा में जो भी क्षति हुई है उसकी भरपाई आरोपियों से की जाएगी. वाहन जले हों या तोड़फोड़ हुई है, इसकी सूची बनाकर उसका मूल्य निकाला गया है."अजय कुमार, एसएससी
नहीं बचेंगे आरोपी- SSP
एसएसपी अजय कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिंसा में शामिल कोई भी आरोपी नहीं बचेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो आरोपी हैं, वह सामने आकर पुलिस के पास सरेंडर करें या अदालत में पेश हो जाएं. ऐसा नहीं करने पर वह बचेंगे नहीं. अदालत से वारंट लेकर उनके घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाएगी.
"हर हाल में हिंसा के आरोपियों को सख्त सजा दिलाएंगे और जो निर्दोष है उसे किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी"अजय कुमार, एसएससी
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मस्जिद के इमाम, मौलाना और धर्मगुरुओं से पुलिस और प्रशासन लगातार बातचीत कर रहे हैं. ताकि वह हिंसा में शामिल लोगों को सामने ला सकें. पीस कमेटी के सदस्यों को भी इसमें सहयोग करने की अपील की गई है.
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