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शहीद DSP के भाई बोले-‘उनको एक विकास ने नहीं मारा, आगे जांच जरूरी’

विकास दुबे ‘एनकाउंटर’ पर शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों की प्रतिक्रियाएं

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार सुबह हुए 'एनकाउंटर' में गैंगस्टर विकास दुबे की मौत हो गई. पिछले शुक्रवार को विकास दुबे ने उसे पकड़ने गए एक पुलिस उपाधीक्षक सहित पुलिसकर्मियों के दल पर कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरु गांव में घात लगाकर हमला कर दिया था. इस गोलीबारी में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे.

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दुबे की मौत के बाद इस मामले में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. शहीद कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला वर्मा ने कहा,

‘’मैं संतुष्ट हूं, लेकिन अब यह कैसे सामने आएगा कि कौन उसे (विकास दुबे) समर्थन दे रहा था? उससे पूछताछ के जरिए यह सामने आ सकता था.’’ 
उर्मिला वर्मा, शहीद कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह की पत्नी

शहीद राहुल के पिता ओमकुमार ने कहा, ''जो भी हुआ अच्छा हुआ. हमें भरोसा था, यह होना ही है. काम में थोड़ा समय लगता है.''

शहीद राहुल की बहन नंदिनी ने कहा, ''आज हमारे भाई का शांति हवन है. आज के दिन ही हमारा भाई शहीद हुआ था, आज के ही दिन वह भी मारा गया है. इससे हमारे भाई की आत्मा को शांति मिलेगी और जो उसके संगी साथी हों पकड़े जाएं, जांच हो कार्रवाई हो.''

शहीद डीएसपी देवेंद्र मिश्र के परिजन ने कहा, ‘’कम से कम हम इस लायक हो गए हैं कि अब अपने भाई का पिंडदान संतुष्टि से कर पाएंगे.’’ हालांकि उनका कहना है कि ‘’रोग अभी जड़ से नहीं गया है...अभी तो समाज बीमार है.’’

मिश्र के भाई ने कहा, ''16 आदमी फरार हैं अभी, न मालूम कि इनमें से कितने नए विकास दुबे बन जाएंगे, न मालूम कि इनके वही संरक्षणदाता इनको संरक्षण देने लगेंगे.'' उनका मानना है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ''तेजी से जांच आगे बढ़नी चाहिए. विकास के जाने से कुछ नहीं हुआ है, देवेंद्र जी की हत्या एक विकास ने नहीं की है....मातहत बिके हुए हैं. उच्च अधिकारी सुनते नहीं हैं, राजनेता फोन करके धमकाते हैं, इसके बाद भी वह (देवेंद्र मिश्र) पीछे नहीं हटे.''

शहीद सिपाही बबलू कुमार के भाई दिनेश कुमार ने कहा कि विकास दुबे मारा गया, लेकिन सरकार असली गुनहगार को बचा रही है. उन्होंने कहा, ''पूरे मामले की सीबीआई जांच हो, ताकि दूध का दूध, पानी का पानी हो. मेरे भाई की शहादत व्यर्थ ना जाए.''

मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक, पांच लाख रुपये के इनामी दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के एक दल ने गुरुवार को ही उज्जैन पहुंचकर विकास दुबे को अपनी हिरासत में ले लिया था. इसके बाद यह टीम दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी. कानपुर पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार सुबह दुबे को ला रही टीम की गाड़ी पलट गई.

पुलिस का कहना है कि दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी. इस दौरान हुए 'एनकाउंटर' में दुबे घायल हो गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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