15 अप्रैल को उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज में पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर इस केस से जुड़े भ्रामक दावों का सिलसिला चलता रहा. एक नजर में जानिए ऐसे सभी गलत दावों का सच
अखिलेश यादव के साथ इस फोटो में अतीक की हत्या के आरोपी हैं ?
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की एक फोटो वायरल है, इसमें पीछे खड़े दिख रहे दो लोगों के चेहरे पर लाल सर्कल दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये दोनों अतीक अहमत की हत्या के आरोपी हैं.
फोटो में दिख रहे इन दो लोगों की पहचान हमने मध्यप्रदेश के युवा कांग्रेस नेताओं के तौर पर की. हमें पता चला कि ये दोनों सीहोर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार यादव और देवास के पार्षद विक्रम पटेल हैं.
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन के ऑफिस में अंबेडकर की फोटो ?
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के0 ऑफिस में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगी दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि रूस ने भारत को सम्मान देने के लिए ये कदम उठाया है.
वायरल फोटो एडिटेड है. ओरिजनल फोटो में पुतिन के ऑफिस में अंबेडकर की कोई तस्वीर नहीं दिख रही है.
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इंडियन ऑइल ने गाड़ी का टैंक फुल कराने की चेतावनी दी ?
सोशल मीडिया पर पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के हवाले से एक चेतावनी वायरल है, जिसमें गाड़ी का पेट्रोल टैंक फुल ना कराने की अपील की गई है.
इस फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि गाड़ी में पेट्रोल टैंक फुल करवाने से टैंक में ब्लास्ट सकता है. आगे ये भी कहा गया है कि इस हफ्ते 5 गाड़ियों के टैंक में विस्फोट हो चुका है. इस कथित नोटिस में आगे पेट्रोल टैंक को दिन में कम से कम एक बार खोलने की भी सलाह दी गई है
इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन पहले भी ये स्पष्ट कर चुका है कि कंपनी की तरफ से ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. एक्सपर्ट्स ने भी क्विंट से बातचीत में इस दावे को बेबुनियाद बताया है कि गर्मियों में गाड़ी का टैंक फुल रखने से आग लग सकती है.
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अतीक अहमद के वोट से बची थी कांग्रेस सरकार ?
कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने दावा किया कि 2008 में UPA सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने पर अतीक अहमद के वोट से कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार बची थी. ये दावा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब 15 अप्रैल को पूर्व विधायक और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई. कई हिंदी न्यूज वेबसाइट्स के सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया
ये बात सच है कि 2008 में UPA सरकार को भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के चलते भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. नतीजतन सरकार को सदन में विश्वास मत का सामना करना पड़ा. बहुमत साबित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वास प्रस्ताव लाए, तो अतीक अहमद ने वोट भी किया, लेकिन अतीक ने सरकार के समर्थन में नहीं बल्कि विरोध में वोट किया था.
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अतीक अहमद की हत्या के बाद 'जय श्री राम' का नारा लगने का दावा सच है?
सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में हुई माफिया और पूर्व विधायक अतीक अहमद की हत्या के बाद 'जय श्री राम' का नारा लगने की बात झूठ है.
आरोपियों ने कैमरे के सामने अतीक और अशरफ की हत्या की. चूंकि सबकुछ कैमरे पर रिकॉर्ड हुआ, लिहाजा..
आरोपियों की तरफ से लगाए गए 'जय श्री राम' के नारों को वीडियो में देखा जा सकता है.
हत्या का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले कैमरापर्सन ने भी पुष्टि की है कि मौके पर नारे लगे थे.
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