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केरल में मुस्लिमों की नहीं, बांग्लादेश से है ये वायरल फोटो

फेसबुक से लेकर ट्विटर तक, शेयर की जा रही है ये फोटो

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ढाका में 2013 में हुए एक प्रदर्शन की फोटो हाल ही में केरल का बताकर वायरल हो गई है.

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दावा

वायरल फोटो के साथ मैसेज में लिखा है: “सोचिए इस तरह की भीड़ आपके इलाके सोसायटी कॉलोनी पर बिल्कुल ऐसे ही पहुंच जाएं तो आपके पास इन के स्वागत का इंतजाम की व्यवस्था है या नहीं यह दृश्य केरल का है”

इस सवाल की जांच करने का सवाल क्विंट को उसकी WhatsApp हेल्पलाइन पर मिला.

हमें ये फोटो इसी दावे के साथ फेसबुक और ट्विटर पर भी दिखी.

हमें जांच में क्या मिला?

रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें बांग्लादेशी राइटर तसलीमा नसरीन का अक्टूबर 2019 में किया हुआ एक ट्वीट मिला, जिसमें लिखा था कि ये फोटो बांग्लादेश की है.

इसके बाद, हमने गूगल पर कीवर्ड्स सर्च किए, और गेटी इमेजेस की कुछ फोटो सामने आईं, जिसमें जगह वायरल फोटो वाली घटना से काफी मिलती-जुलती है. फोटो की कैप्शन के मुताबिक, जिसका क्रेडिट AFP को दिया गया है, इसमें 5 मई 2013 को ढाका में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्लामिस्ट को सड़क पर मार्च करते हुए दिखाया गया.

कैप्शन में ये भी कहा गया कि इन इस्लामिस्ट का विरोध बांग्लादेश में एक नए ईशनिंदा कानून की मांग को लेकर था.

विरोध प्रदर्शन की तारीख और कारण देखने के बाद, हमने फिर सर्च किया, जिसके बाद हमें कई न्यूज आर्टिकल्स मिले, जिसमें बांग्लादेश में मौत की सजा के प्रावधान के साथ एक ईशनिंदा विरोधी कानून की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बारे में विस्तार से बताया गया था.

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी. रिपोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को हिफाजत-ए-इस्लाम नाम के एक ग्रुप का बताया गया था.

इसके बाद हमने इस प्रदर्शन की तस्वीरें खोजने के लिए और सर्च किया, जो कि अप्रैल 2013 से शेयर हो रही हैं.

'हिफाजत-ए-इस्लाम 2013 बांग्लादेश ढाका प्रदर्शन' कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर, हमें Alamy वेबसाइट पर कई तस्वीरें मिलीं. Alamy पर सर्च करने पर, हमें एक फोटो मिली, जिसमें वायरल फोटो वाला ही सीन दिखाया गया था, लेकिन एक दूसरे एंगल से.

फोटो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि ये 5 मई 2013 को ढाका के पोस्तगोला के पास बांग्लादेश-चीन फ्रेंडशिप ब्रिज पर हिफाजत रैली में शामिल होने आ रहे लोगों को रोके जाने के विरोध में रैली के दौरान खींची गई थी.

हमें उसी सीन की एक और फोटो मिली.

इनमें से एक फोटो और वायरल फोटो की तुलना करने पर, हमने देखा कि ये दोनों एक ही रैली की हैं, लेकिन अलग-अलग एंगल से खींची गई हैं. नीले कपड़े में शख्स, उसकी बाईं तरफ भूरे कपड़ों में शख्स और दाईं तरफ हाथ में हरे रंग के कपड़े वाला एक डंडा पकड़े सफेद रंग में शख्स, दोनों तस्वीरों में देखे जा सकते हैं.

इससे साफ होता है कि ये तस्वीर बांग्लादेश के ढाका में 2013 में हुए एक प्रदर्शन की है.

आप हमारी सभी फैक्ट-चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं.

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