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बेहोश महिला को खींचकर ले जाते 'मौलवी' का स्क्रिप्टेड वीडियो गलत दावे से वायरल

वीडियो के लंबे वर्जन में एक डिसक्लेमर का इस्तेमाल किया गया है, जिसके मुताबिक ये वीडियो असली घटना का नहीं है.

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मीडिया पैनलिस्ट प्रशांत उमराव सहित कई सोशल मीडिया यूजर्स ने एक बेहोश महिला के साथ छेड़खानी करते एक तांत्रिक का वीडियो शेयर किया है. वीडियो में एक बूढ़ा शख्स एक महिला के साथ जादू-टोना और झाड़-फूंक करता नजर आ रहा है.

इसके बाद, वो बेहोश महिला को कमरे में खींचकर ले जाता हुआ दिख रहा है. वीडियो बनाने वाला शख्स जब उससे सवाल पूछता है कि वो क्या कर रहा है, तो जवाब में शख्स कहता है कि वो खुदा का बंदा है और महिला की मदद कर रहा है. क्योंकि महिला मां नहीं बन सकती.

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दावे में कहा जा रहा है कि महिलाएं झाड़-फूंक के लिए मौलवियों के पास जाती हैं जहां उनके साथ गलत किया जाता है.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो किसी असली घटना का है ही नहीं. ये वीडियो स्क्रिप्टेड है. इस वीडियो के लंबे वर्जन में एक डिसक्लेमर देखा जा सकता है, जिसमें बताया गया है कि ये वीडियो किसी असली घटना का नहीं हैं.

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दावा

वीडियो को शेयर कर प्रशांत उमराव ने कैप्शन में लिखा, ''झाड़-फूंक के नाम पर लोग मजारों में मौलवियों के पास जाते हैं। देखिए वहां क्या होता है।''

वीडियो के लंबे वर्जन में एक डिसक्लेमर का इस्तेमाल किया गया है, जिसके मुताबिक ये वीडियो असली घटना का नहीं है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

वीडियो को बिजनेसमैन अरुण पुदूर और हिंदी खबर की जर्नलिस्ट आंचल यादव सहित कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसी दावे से शेयर किया है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID की मदद से वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर, हमने कुछ कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे, हमें 12 सितंबर को फेसबुक पर अपलोड किया गया वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. इस वीडियो को शेख असलम नाम के एक फेसबुक यूजर ने शेयर किया था.

वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि झाड़-फूंक कर बच्चा पैदा करने का आश्वासन देकर मौलवी महिलाओं और लड़कियों को नशीली दवाएं खिलाता है, ताकि उनके साथ गलत कर सके.

11 मिनट 52 सेकेंड लंबे इस वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि वीडियो के 11 मिनट 50वें सेकेंड पर एक 2 सेकेंड का एक डिसक्लेमर दिख रहा है.

वीडियो के लंबे वर्जन में एक डिसक्लेमर का इस्तेमाल किया गया है, जिसके मुताबिक ये वीडियो असली घटना का नहीं है.

वीडियो में डिसक्लेमर देखा जा सकता है

(फोटो: Altered by The Quint)

हिंदी और इंग्लिश दोनों में लिखे डिसक्लेमर में बताया गया है कि ये वीडियो काल्पनिक है, न कि किसी सच्ची घटना का.
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मतलब साफ है कि स्क्रिप्टेड वीडियो को असली घटना का बताकर झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है.

क्विंट ने इसके पहले भी फेक दावों से शेयर ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियोज की पड़ताल की है, जिन्हें आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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