केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल हो रहा है कि वो जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ सकते हैं.
इस वायरल वीडियो में केंद्रीय मंत्री को ये कहते सुना जा सकता है कि अगर उनका मंत्रीपद चला जाता है तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. और आगे जो कुछ भी होगा वो उसके लिए तैयार हैं. वो आगे कहते हैं कि वो कोई राजनीतिक पेशेवर नहीं हैं, साधारण व्यक्ति हैं जिसने एक सीधा-सादा जीवन जिया है.
बीजेपी के संसदीय बोर्ड में फेरबदल किया गया है और गडकरी और एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को हटाया गया है. ऐसे में ये दावा किया जा रहा है.
हालांकि, वीडियो गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. वायरल वीडियो के लंबे वर्जन में गडकरी 1995 की किसी पुरानी घटना के बारे में बोलते नजर आ रहे हैं. गडकरी ने ये बात एक किताब के विमोचन के दौरान कही थी.
दावा
इस दावे को आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह ने शेयर कर कैप्शन में लिखा, "आख़िर ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी जी? BJP बहुत बड़ी गड़बड़ चल रही है।"
उनके शेयर किए गए इस वीडियो को स्टोरी लिखते समय तक 69,900 से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं.

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमें नितिन गडकरी ऑफिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया एक वीडियो मिला. इसमें एक वीडियो शेयर कर बताया गया था कि 'गडकरी एक पुरानी कहानी सुना रहे हैं.'
यहां से संकेत लेकर हमने वीडियो को यूट्यूब पर सर्च किया. हमें गडकरी के ऑफिशियल चैनल पर 27 मिनट लंबा एक वीडियो मिला. कैप्शन के मुताबिक, वीडियो ज्ञानेश्वर एम मुले की किताब 'नौकरस्याही के रंग' के विमोचन के दौरान का है.
वीडियो के लंबे वर्जन में, गडकरी को 1990 के दशक की एक घटना के बारे में बताते हुए सुना जा सकता है. तब वो महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे.
इस वीडियो के 7वें मिनट 25वें सेकेंड में वो कहते हैं, ''मैं महाराष्ट्र में मंत्री था, अमरावती जिले में एक मेलघाट नाम की तहसील थी. वहां 2500 बच्चे कुपोषण से मर गए. और इस घटना पर वर्ल्ड लेवल पर काफी हाहाकर मचा था. आपको याद होगा ये 1996-97 की बात है.''
उन्होंने आगे तत्कालीन सीएम मनोहर जोशी के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताते ये कहा कि सीएम सड़की की स्थिति के बारे में चिंतित थे. और उन्होंने मुझसे कहा था, ''नितिन ये कैसी स्थिति है. मेलघाट में 450 गांव हैं, एक भी गांव में रास्ता नहीं है. कैसे चलेगा.''
गडकरी आगे जोशी और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के चीफ कंजर्वेटर के बीच हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जोशी ने एक बार ऑफिसर से पूछा कि तुम्हें कुछ महसूस नहीं होता. 2500 बच्चे कुपोषण से मर गए. बच्चे स्कूल नहीं जा सकते या जो किसान हैं वो अपनी उपज नहीं बाजार में बेच सकते. इस पर ऑफिसर ने जवाब दिया, ''माफ कीजिएगा. मैं लाचार हूं. मैं कुछ नहीं कर सकता.''
इस घटना के बारे में बात करते हुए गडकरी कहते हैं, ''मेरे से रहा नहीं गया और मैंने जोशी से कहा कि आप सब कुछ मुझ पर छोड़ दो. मुझे कोई चिंता नहीं क्या परिणाम होते हैं. और मैं ये काम करूंगा. संभव हो तो मेरे पीछे खड़े रहो. नहीं रहा तो फर्क नहीं पड़ता मेरा गया तो गया पद चिंता नहीं है. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.''
वायरल हिस्से के शुरुआती हिस्से को इस वीडियो के 9 मिनट 27 सेकेंड से सुना जा सकता है. मतलब साफ है कि गडकरी के एक लंबे वीडियो के छोटे से हिस्से को काटकर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने बीजेपी छोड़ने का संकेत दिया है. नितिन गडकरी ने ट्वीट कर अपनी इस स्पीच का पूरा वीडियो शेयर किया है. और अफवाहों को गलत बताया है.
उन्होंने लिखा कि उनकी बात को संदर्भ से बाहर शेयर किया गया है. और वो ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेंगे.
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