ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में हुए ट्रेन हादसे को झूठा सांप्रदायिक रंग देने से लेकर टीवी पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देखते पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के एडिटेड वीडियो और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 'डीएनए' को लेकर किए गए झूठे दावे तक. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर कई झूठे दावे वायरल हुए, जिनकी पड़ताल क्विंट हिंदी की वेबकूफ टीम ने की.
ओडिशा रेल हादसा: स्टेशन मास्टर का नाम 'शरीफ'? झूठा दावा
कई यूजर्स ने दावा किया कि जहां रेल हादसा हुआ वहां का स्टेशन मास्टर एक मुस्लिम है और उसका नाम 'शरीफ' है. साथ ही, ये दावा किया जा रहा है कि जहां पर ये दुर्घटना हुई वहां पर एक मस्जिद भी है.
बालासोर के डिप्टी कलेक्टर, साउथ ईस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी और वहां मौजूद लोकल रिपोर्टर सभी ने इस दावे को झूठा बताया है कि जहां ये घटना हुई वहां का स्टेशन मास्टर मुस्लिम था.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक, स्टेशन मास्टर का नाम एसबी मोहंती है.
दूसरी बात ये कि जहां ये घटना हुई वहां कोई मस्जिद मौजूद नहीं है. फोटो में दिख रही सफेद बिल्डिंग कोई मस्जिद नहीं, बल्कि बहनागा में मौजूद इस्कॉन मंदिर है. इसका फैक्ट चेक आप यहां पढ़ सकते हैं.
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धीरेंद्र शास्त्री की कथा टीवी पर देखते पीएम मोदी के वीडियो का सच?
पीएम मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वीडियो देखते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को कई यूजर्स ने असली समझकर शेयर किया.
वायरल वीडियो एडिटेड है. ओरिजनल वीडियो 22 जुलाई 2019 का है. जिसमें पीएम मोदी चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण देख रहे थे. इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने लॉन्च किया था.
साफ है कि वीडियो को एडिट कर टीवी स्क्रीन पर धीरेद्र शास्त्री का वीडियो जोड़ा गया है.
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फर्जी आर्टिकल शेयर कर किया गया झूठा दावा- 'राहुल गांधी नहीं हैं राजीव के बेटे'?
एक न्यूजपेपर कटिंग की फोटो वायरल है, जिसमें दिख रहे कथित आर्टिकल में किसी अमेरिकी डीएनए विशेषज्ञ ने दावा किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे नहीं हैं.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल न्यूजपेपर कटिंग फर्जी है. वायरल फोटो में जिस डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो के बारे में बताया गया है, उससे संबंधित भी कोई जानकारी नहीं है.
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रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते बच्चे का पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल
ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें ट्रेन की पटरी पर पत्थर रखे दिख रहे हैं और एक बच्चे को कुछ लोग पकड़कर डांटते हुए दिख रहे हैं. कई यूजर्स इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर कर रहे हैं और बच्चे को मुस्लिम बता रहे हैं.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक का है और हाल का नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है.
वीडियो कर्नाटक के वाड़ी जंक्शन से 2 किमी दूर का है, जहां 2018 में कुछ रेलवे कर्मचारियों ने पटरी पर पत्थर रखने वाले बच्चे को पकड़ा था. संबंधित थाने से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में न तो कोई शिकायत हुई थी और न ही कार्रवाई.
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पत्नी को बेरहमी से पीटते शख्स का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में महिला को बुरी तरह से पीटते एक शख्स को देखा जा सकता है. वीडियो को कई यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया है. कैप्शन में शख्स को 'अब्दुल' बताकर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि मुस्लिम शख्स ने महिला की पिटाई की है.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो यूपी के इटावा का है. जहां शिवम यादव नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी ज्योति यादव के साथ मारपीट की थी. संबंधित थाने बकेवर में तैनात एसएचओ ने मामले के सांप्रदायिक होने से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि पति और पत्नी दोनों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है.
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