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Reliance Jio नहीं कर रहा फेडरल बैंक का अधिग्रहण, फेक 'प्रेस रिलीज' वायरल

वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये Reliance Jio की ऑफिशियल प्रेस रिलीज नहीं है.

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सोशल मीडिया पर Mukesh Ambani की Reliance Jio की एक कथित 'प्रेस रिलीज' की फोटो शेयर हो रही है. दावा किया जा रहा है कि कंपनी फेडरल बैंक का अधिग्रहण करने जा रही है.

हालांकि, हमने पाया कि ये सच नहीं है, इसके अलावा हमें वायरल 'प्रेस रिलीज' में ऐसी कई चीजें मिलीं, जिसके आधार पर हमें पता चला कि ये ऑफिशियल नहीं है.

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दावा

प्रेस रिलीज की हेडलाइन है, ''रिलायंस जियो करेगी फेडरल बैंक का 10 अरब डॉलर में अधिग्रहण''. इसमें आगे बताया गया है कि कंपनी इस अधिग्रहण के साथ बैंकिंग इंडस्ट्री में भी प्रवेश करेगी.

वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये Reliance Jio की ऑफिशियल प्रेस रिलीज नहीं है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ये 'प्रेस रिलीज' ट्विटर और फेसबुक के साथ-साथ WhatsApp पर भी इसी दावे के साथ शेयर की जा रही है.

वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये Reliance Jio की ऑफिशियल प्रेस रिलीज नहीं है.

WhatsApp पर भी ये दावा काफी शेयर किया जा रहा है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/WhatsApp)

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमें वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये ऑफिशियल नहीं है. आइए एक-एक करके उन पर नजर डालते हैं.

1. फेडरल बैंक की गलत मार्केट वैल्यूएशन

'प्रेस रिलीज' के मुताबिक, "RJIL ने फेडरल बैंक को कुल 73,616 करोड़ रुपये (टैक्स के साथ) का भुगतान करके स्वामित्व लिया है."

फेडरल बैंक का मार्केट वैल्यूएशन 20 सितंबर को 17355.33 करोड़ रुपये था. वहीं प्रेस रिलीज में इस आंकड़े को गलत बताया गया है, जिसे 73,616 करोड़ रुपये बताया गया है.

वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये Reliance Jio की ऑफिशियल प्रेस रिलीज नहीं है.

फेडरल बैंक की 20 सितंबर को मार्केट वैल्यूएशन 17,355.33 करोड़ रुपये थी

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Economics Times)

2. क्या कॉरपोरेट्स बैंक का कर सकते हैं अधिग्रहण?

अक्टूबर 2020 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंटर्नल वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि बड़े कॉर्पोरेट्स को इस बात की मंजूरी दी जा सकती है कि वो बैंकों को प्रमोट कर सकें.

रिपोर्ट में कहा गया है, "बड़े कॉरपोरेट/औद्योगिक घरानों को बैंकों और अन्य वित्तीय और गैर-वित्तीय समूह संस्थाओं के बीच जुड़े उधार और एक्सपोजर से निपटने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में जरूरी संशोधनों के बाद ही बैंकों को प्रमोट करने की अनुमति दी जा सकती है."

हालांकि, ये सिर्फ एक सिफारिश थी और अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है. मोटे तौर पर, कॉरपोरेट्स, बैंक का अधिग्रहण नहीं कर सकते.

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प्रेस रिलीज का टेक्स्ट?

हमने रिलांयस जियो की ऑफिशियल वेबसाइट पर प्रेस रिलीज सर्च किया. हमने पाया कि वायरल प्रेस रिलीज में 'About Reliance' सेक्शन के में लिखा टेक्स्ट, जियो की पहले की प्रेस रिलीज से उठाकर हूबहू रख दिया गया है. (आप 15 सितंबर की प्रेस रिलीज यहां और 14 मई की प्रेस रिलीज यहां देख सकते हैं.)

वायरल 'प्रेस रिलीज' में कई ऐसी गलतियां नजर आईं जिनसे पता चलता है कि ये Reliance Jio की ऑफिशियल प्रेस रिलीज नहीं है.

बाएं वायरल प्रेस रिलीज, दाएं ऑफिशियल प्रेस रिलीज

(फोटो: Altered by The Quint)

हमें The Economic Times की 2016 की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया था कि फेडरल बैंक और रिलायंस जियो ने वन-क्लिक पेमेंट सर्विस के लिए आपस में एग्रीमेंट किया था.

हालांकि, हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि टेलीकॉम कंपनी फेडरल बैंक का अधिग्रहण कर रही है.

गुरुवार, 16 सितंबर की CNBC TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो ने वायरल 'प्रेस नोट' के बारे में मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और इसे "फेक" बताया है.

मतलब साफ है कि वायरल 'प्रेस रिलीज' के जरिए ये झूठा दावा किया जा रहा है कि रिलायंस जियो, फेडरल बैंक का अधिग्रहण करने जा रहा है.

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