रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला कर दिया, जो अभी भी जारी है. इस दौरान ऐसी कई फोटो और वीडियो रूस-यूक्रेन विवाद (Russia-Ukraine War) से जोड़ शेयर किए जा रहे हैं जिनका उससे संबंध ही नहीं है.
रूस-यूक्रेन जंग से जोड़कर और भी झूठे दावे किए गए. जैसे कि यूक्रेन में फंसी यूपी की वैशाली के मदद मांगने वाले वीडियो को शेयर कर ये झूठा दावा किया गया कि उन्होंने अपने घर से ही ये वीडियो शूट किया है. ये दावा भी किया गया कि पुतिन ने भारत को चेतावनी दी है, जबकि पुतिन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया.
कभी किसी अमेरिकी सैनिक के इमोशनल वीडियो को यूक्रेन के सैनिक का वीडियो बता शेयर किया गया तो कभी पुतिन के चेहरे पर हिटलर का चेहरा लगाकर TIME मैगजीन के नाम पर शेयर किया गया. इसके अलावा, और भी कई झूठे दावे किए गए जिनके पड़ताल क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस हफ्ते किया.
वैशाली यादव ने UP में बैठकर कहा यूक्रेन में फंसी हूं?
एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि वैशाली यादव नाम की लड़की ने यूपी में वीडियो बनाकर, सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए ये झूठ बोला कि वो विदेश में फंसी हुई है. मैसेज में कहा गया है कि वैशाली को जब उत्तरप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया तब सच का खुलासा हुआ.
हमने इसका सच जानने के लिए वैशाली से बात की. उन्होंने बताया कि वो यूक्रेन से 28 फरवरी को रोमानिया पहुंच गई थीं, अब सुरक्षित हैं. वीडियो तब बनाया था जब उन्हें मदद की जरूरत थी. इसके बाद वो प्राइवेट बस से रोमानिया पहुंचीं. वैशाली ने अपनी लाइव लोकेशन भी हमें भेजी. जिससे साबित हो रहा है कि वो भारत में नहीं, रोमानिया में ही हैं.
इसके अलावा, हमने हरदोई एसपी राजेश द्विवेदी से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट से बातचीत में कहा कि वैशाली की गिरफ्तारी का दावा सच नहीं है और वो भारत में नहीं हैं. एसपी ने आगे ये भी कहा कि वैशाली भारत आने की तैयारी में हैं.
हरदोई एसपी राजेश द्विवेदी ने एक वीडियो जारी कर इस अफवाह को खारिज किया है कि वैशाली यादव गिरफ्तार हो गई हैं.
मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा गलत है कि वैशाली यादव ने भारत में बैठकर ये झूठ बोलकर वीडियो बनाया कि वो यूक्रेन में हैं. वैशाली ने जिस वक्त वीडियो बनाया वो यूक्रेन में ही थीं.
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बेटे से गले लगकर रोता ये सैनिक अमेरिकी है, यूक्रेनी नहीं
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सैनिक की वर्दी में एक शख्स एक महिला और बच्चे को गले से लगाकर रोते नजर आ रहा है. इस इमोशनल वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूक्रेनी सैनिक जंग में जाने से पहले रोते नजर आ रहा है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वीडियो में दिख रहा सैनिक अमेरिकी है न कि यूक्रेनी. साथ ही, ये वीडियो न तो हाल का है और न ही इसका रूस-यूक्रेन विवाद से कोई संबंध है. ये वीडियो साल 2018 से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है. एक अमेरिकी नौसैनिक जब ड्यूटी से घर आया तो अपने बच्चे को पहली बार देखकर इमोशनल हो गया, जिसका वीडियो उसकी पत्नी ने बनाया था. ये वीडियो तब भी वायरल हुआ था.
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पुतिन ने भारत को नहीं दी कोई चेतावनी, न ही कहा कि अंजाम भुगतने के लिए रहें तैयार
सोशल मीडिया पर इंटरनेशनल मीडिया ऑर्गनाइजेशन CNN के नाम पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ. स्क्रीनशॉट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की फोटो के साथ लिखा हुआ है कि पुतिन ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर वो यूक्रेन विवाद पर दखल देगा, तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
हमारी पड़ताल में वायरल स्क्रीनशॉट फेक निकला. CNN का स्क्रीनशॉट एडिट कर इसे बनाया गया है. इसके अलावा, हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. ओरिजिनल स्क्रीनशॉट और वायरल स्क्रीनशॉट के बीच तुलना आप नीचे देख सकते हैं.
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व्लादिमीर पुतिन की फोटो पर हिटलर का चेहरा TIME मैगजीन ने नहीं लगाया
TIME मैगजीन के कवर की बताई जा रही एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तुलना तानाशाह हिटलर से की गई है.
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये तस्वीर फेक निकली. TIME मैगजीन के हालिया एडिशन में ऐसी कोई तस्वीर नहीं लगाई गई है.
ये फोटो टाइम मैगजीन के कवर की नहीं बल्कि एक आर्टवर्क की है, जिसे बनाने वाले यूजर ने भी सामने आकर स्वीकारा है कि ये उसी ने बनाया था. यूजर ने आर्टवर्क के बैकग्राउंड में TIME लिखा था, जिससे लोगों ने इसे टाइम मैगजीन की कवर का फोटो मानकर शेयर करना शुरू कर दिया.
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सैनिकों को अलविदा कहते बच्चों की ये फोटो हाल की नहीं
टैंक पर सवार सैनिकों को अलविदा कहते दो बच्चों की एक फोटो रूस-यूक्रेन विवाद से जोड़कर शेयर की गई. दावा किया गया कि दो छोटे यूक्रेन के बच्चे रूसियों से लड़ने के लिए सैनिकों को भेज रहे हैं.
फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये फोटो यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर मिली, जिसे 2016 में अपलोड किया गया था.
हमें यही फोटो यूक्रेन की न्यूज वेबसाइटों पर भी मिलीं, जिन्हें 2016 में पब्लिश किया गया था.
मतलब साफ है, सैनिकों को अलविदा करते बच्चों की एक पुरानी फोटो यूक्रेन-रूस जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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