12 नवंबर को श्रद्धा वालकर (Shraddha Walkar) की हत्या के बाद लाश के टुकड़े करने के आरोप में आफताब पूनावाला को गिरफ्तार किया गया. हत्या के इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर अब फिर 'लव जिहाद' जैसे नेरिटिव सिर उठाने लगे हैं. 'लव जिहाद' दक्षिणपंथी विचारधारा की तरफ से गढ़ा गया शब्द है, जिसके जरिए दावा किया जाता है कि मुस्लिम युवक धर्म परिवर्तन कराने के लिए हिंदू लड़कियों को प्रेम के जाल में फसाते हैं.
ये दावे श्रद्धा केस के बाद शुरू नहीं हुए हैं. पहले भी ऐसा होता रहा है. पर इन दिनों किए जा रहे दावों का एनालिसिस करने पर हमें पता चला कि 'लव जिहाद' जैसे नैरेटिव को आगे बढ़ा रहे लोग श्रद्धा केस का इस्तेमाल एक 'अवसर 'की तरह कर रहे हैं.
CrowdTangle के डेटा के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में हैशटेग #Lovejihad के साथ फेसबुक पर 3,280 से ज्यादा पोस्ट हुए. इन पोस्ट्स में 16 नवंबर के बाद तेजी आई है, सिर्फ 17 नवंबर को ही इस हैशटेग के साथ किए गए फेसबुक पोस्ट पर 1,60,000 लोगों ने इंटरेक्ट किया है.
क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम 'वेबकूफ' ऐसे कई दावों की पड़ताल कर चुकी है, जिनके जरिए सोशल मीडिया पर अंतर्धामिक संबंधों को निशाना बनाया जाता है. ये साबित करने के लिए कि अंतर्धामिक शादियों में हत्या हो जाती है. कई बार पीड़ित और हत्यारे का धर्म हिंदू- मुस्लिम न होने के बावजूद झूठ फैलाकर मामले को साम्प्रदायिक रंग दिया जाता है.
आफताब केस के बाद भी ये जारी है, एक नए 'आफताब' एंगल से. मानो फेक न्यूज के जरिए हिंदू Vs Muslim करने वालों के लिए श्रद्धा मर्डर केस ने फ्यूल का काम किया हो. ऐसे कई दावों की हम पड़ताल भी कर चुके हैं, जब पुराने वीडियोज शेयर कर उन्हें साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है
लव जिहाद के फर्जी लेबल के साथ फिर शेयर होने लगे पुराने वीडियो
एक वीडियो वायरल है जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक युवक को पकड़कर पीट रहे हैं. और वीडियो में दिख रही लड़की के गले पर धारदार हथियार से आई चोट के निशान हैं. अब इस वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि 'मुस्लिम युवक हिंदू ल़ड़की को प्रेम के जाल में फंसाकर गला काटने की कोशिश कर रहा था'.
असल में ये वीडियो झारखंड में 3 साल पहले हुई घटना का है, और इसमें जो शख्स लड़की पर हमला करता दिख रहा है उसका नाम अरविंद कुमार है. Zindagi नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर हुए इस वीडियो को ट्विटर पर 43 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
वीडियो शेयर करने के कुछ घंटों बाद इसी हैंडल से रिप्लाय आया कि वीडियो पुराना है. लेकिन इस रिप्लाय में भी ये नहीं बताया गया है कि वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम नहीं है. रिप्लाय में भी लिखा है ''दूर रहो इनसे यार'', यानी सच पता चलने के बाद भी साम्प्रदायिक दावा बरकरार है.
पर सिर्फ यही काफी नहीं था. पत्रकार सुराजीत दासगुप्ता ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर कर इसे लव जिहाद का बताया.
क्विंट ने पिछले महीने ही इस वीडियो की पड़ताल की थी जिसमें सामने आया था कि ये पति-पत्नी के आपसी विवाद के बाद हुई हत्या का मामला था, जो दोनों एक ही समुदाय से थे.
बेंगलुरु में अपनी बच्ची के जन्मदिन पर अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटते शख्स का वीडियो 'लव जिहाद' का बताकर शेयर किया गया.
(वीडियो की प्रकृति की वजह से हमने वीडियो से जुड़े किसी भी लिंक का इस्तेमाल अपनी स्टोरी में नहीं किया है.)
सच्चाई ये है कि ये वीडियो 2015 का है और इसमें दिख रहे पति-पत्नी दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं. पति का नाम मोहम्मद मुश्ताक है और उसकी पत्नी आयशा हैं, और इस मामले में कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं है.
भड़काऊ भाषा और विचलित करने वाले विजुअल की वजह से तेजी से फैलता है ये कंटेंट
श्रद्धा मर्डर केस के बाद सोशल मीडिया पर हो रहे दावों में एक बात कॉमन है. वो ये कि इनमें भड़काऊ भाषा और विचलित करने वाले कंटेंट का इस्तेमाल होता है. और ये पहला मौका नहीं है जब मौका पाकर 'लव जिहाद' जैसे शब्दों को वैधता देने की कोशिशें हो रहही हैं. इनमें से ज्यादातर दावों में कैप्शन इस तरह से लिखे होते हैं जिनका मकसद मैन्युप्लेट करना या काफी निजी तौर पर इंसान को भावुक कर देना होता है.
'ऑनर किलिंग' के मामले को भी बीजेपी विधायक ने बता दिया लव जिहाद
आफताब की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद 17 नवंबर को आयूषी यादव नाम की युवती की हत्या का मामला सामने आया. लेकिन, सोशल मीडिया पर इस मर्डर केस की तस्वीरों को भी लव जिहाद के एंगल से शेयर किया जा रहा है. उत्तरप्रदेश से बीजेपी विधायक ओम कुमार ने भी वीडियो को 'लव जिहाद' बताकर शेयर किया और कहा ''एक बड़ी मुहिम चलानी होगी बहन-बेटियों को जागरुक करने को.''
पर अगर बीजेपी विधायक विजुअल को शेयर करने से पहले इसका सच पता लगा लेते तो उन्हें अपने ट्वीट में इन साम्प्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता.
पुलिस की जांच में पता चला कि आयूषी के माता-पिता ने ही उसकी हत्या की थी. क्विंट हिंदी ने भी इस मामले को रिपोर्ट किया था.
पुलिस के मुताबिक युवती दिल्ली के थाना बदरपुर इलाके में मोरबन्द की रहने वाली थी, जिसकी शिनाख्त उसकी मां ब्रजबाला और भाई आयूष ने की. इसके बाद पूछताछ में पुलिस को पता चला कि युवती आयूषी के पिता नीतेश ने ही अपनी पिस्टल से दो गोलियां मार उसकी हत्या की थी. जिसमें उसकी मां भी शामिल थी.
गैर-मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम धर्म में लाने की कीमत बताते रेट कार्ड का बताया जा रहा एक स्क्रीनशॉट काफी शेयर हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि मुसलमानों ने ये विज्ञापन अखबार में छपवाया है. इससे मिलते जुलते दावे पिछले कई सालों से वायरल हैं. फैक्ट चेकर्स ने जब इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि ये रेट कार्ड एक स्टोरी का हिस्सा था, न की विज्ञापन. इसके अलावा
हिंदू आरोपी को मुस्लिम बताकर हिंदू लड़कियों को दी जा रही 'वॉर्निंग'
14 सेकंड का ये वीडियो काफी शेयर हो रहा है. जिसमें दिख रहा शख्स धमकी भरे लहजे में 'बेवफाई न करने' की बात कहता है. फिर वह अपना कैमरा पलंग पर खून से लथपथ लड़की की तरफ करता है.
दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम है और उसने मध्यप्रदेश के रिजॉर्ट में एक हिंदू लड़की की हत्या कर दी. इस वीडियो को शेयर कर कुछ लोग हिंदू लड़कियों को मुस्लिम समुदाय से दूर रहने की 'चेतावनी' दे रहे हैं.
(वीडियो का कंटेंट विचलित कर सकता है, इसलिए इसका लिंक हम शेयर नहीं कर रहे हैं )
सच्चाई ये है कि वीडियो में दिख रहा शख्स हिंदू है. हेमंत राजेंद्र भडाने नाम का ये शख्स महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है. जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने क्विंट से पुष्टि की कि ''आरोपी हिंदू समुदाय से है और उसका नाम हेमंत राजेंद्र भडाने ही है''. पुलिस ने 19 नवंबर को हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है.
महिला की हत्या के बाद अब दूसरी महिलाओं को दी जा रही अंतर्धामिक विवाह न करने की हिदायत
मतलब साफ है - 'लव जिहाद' के दावों के साथ अल्पसंख्यक समुदाय या फिर अंतर्धामिक विवाहों को निशाना बनाने का सिलसिला श्रद्धा मर्डर केस से पहले भी जारी था. लेकिन, इस मर्डर केस के बाद अब फेक न्यूज पेडलर्स इसे एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आपको भी ऐसे किसी दावे पर शक है तो हमें भेजिए.
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