सोशल मीडिया पर सिख एक्टिविस्ट बापू सूरत सिंह की एक फोटो इस गलत दावे के साथ वायरल की जा रही है कि चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में वो भूख हड़ताल पर हैं.
हालांकि, हमने पाया कि ये वायरल फोटो 2015 से है और एक्टिविस्ट जेल में बंद सिख कैदियों को रिहा करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे, जिन्हें अपनी सजा पूरी करने के बावजूद जेल में रखा गया था.
दावा
फोटो के साथ दावे में लिखा है: “बापूसूरतसिंह...ने अपनी किसान क़ौम के लिए अन्न जल त्याग दिए जनता अब भी साथ नहीं आइ तो आने वाले समय में उपवास जनता को करना होगा.”
इस फोटो को हैशटैग ‘farmersrprotest’ के साथ शेयर किया जा रहा है. फेसबुक पेज ‘Kanhaiya Kumar-Youthicon’ ने इस फोटो को शेयर किया, जिसे ये स्टोरी लिखे जाने तक 1,700 लोग शेयर कर चुके थे.
कई फेसबुक अकाउंट्स ने इसी दावे के साथ फोटो को शेयर किया.
हमने जांच में किया पाया?
हमने रिवर्स इमेज सर्च किया और 2017 से एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. वायरल फोटो में शख्स की पहचान बापू सूरत सिंह खालसा के रूप में हुई है. हमने इसके बाद गूगल सर्च किया, जिसके बाद हमें फेसबुक पेज ‘Bapu Surat Singh Khalsa - Sangharsh Jaari Hai’ मिला.
हमने देखा कि इस पेज ने 23 सितंबर 2015 को इस वायरल फोटो को शेयर किया था.
2015 का द इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल से पता चलता है कि सिख एक्टिविस्ट के परिवार ने दावा किया था कि वो जनवरी 2015 से भूख हड़ताल पर हैं. रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि वो "सजा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद रखे गए सिख कैदियों की रिहाई" की मांग कर रहे हैं.
उनका दाल-खिचड़ी समेत दूसरी चीजें खाते हुए वीडियो वायरल हो गया था. हालांकि, उनके बेटे ने दावा किया था कि “अस्पताल में दवाई के इंफ्लूएंस में उन्हें जबरन खिलाया गया.”
इससे साफ होता है कि बापू सूरत सिंह का किसान आंदोलन के समर्थन में भूख हड़ताल करने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है, और वायरल फोटो 2015 की है.
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