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पाकिस्तान का वीडियो बिहार का बताकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.

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सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग एक घर पर पत्थर फेंकते दिख रहे हैं और इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं जबकि कथित पीड़ित सन्नी गुप्ता, एक हिंदू है. इस वीडियो के कैप्शन को सांप्रदायिक तरीके से लिख कर काफी शेयर किया जा रहा है और लोगों को बताया जा रहा है कि इस पर कोई कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि 'पीड़ित एक हिंदू है'.

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जबकि यह घटना पाकिस्तान के हैदराबाद में हुई है, जहां एक प्रतिबंधित धार्मिक संगठन के कुछ लोग एक व्यक्ति को ईशनिंदा का आरोपी लगाकर उसके घर पर पत्थर फेंक रहे थे.

दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.

क्या है दावा

ये पोस्ट फेसबुक पर वायरस हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ मुस्लिम युवक एक मृत व्यक्ति के घर पर पत्थर फेंक रहे हैं. उस मृत व्यक्ति का नाम सन्नी गुप्ता है. इस पोस्ट को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर हजारों लोग शेयर कर चुके हैं.

इसमें यह भी दावा किया जा रहा है कि "मृतक के घर पर जेहादियों ने पुलिस के सामने हमला किया... कोई कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि पीड़ित हिंदू है."

ऊपर जो फेसबुक पोस्ट अटैच किया गया है, वह इस स्टोरी को लिखे जाने तक 6 हजार से ज्यादा शेयर हो चुका है. इसके अलावा वीडियो को 48 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं.

कुछ और लोगों ने भी इस 30 सेकंड के वीडियो को फेसबुक पर शेयर किया है.

दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.
दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.
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इसके अलावा ये वीडियो ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.

हमने क्या पाया

इस वीडियो को हमने कई सारे कीफ्रेम में बांटा, जो कि वीडियो के अंदर ही स्टिल इमेज के रूप में हैं. गूगल पर हमने रिवर्स इमेज सर्च करने पर हम दो पोस्ट तक पहुंचे, जिससे लगा कि यह घटना पाकिस्तान की हो सकती है. पोस्ट से यह भी पता चलता है कि वीडियो में सिपाह-ए-सहाबा (पाकिस्तान में एक राजनीतिक पार्टी और संगठन) के कुछ सदस्य एक घर को नुकसान पहुंचा रहे हैं. दोनों ट्वीट 23 और 24 अप्रैल, 2020 का है.

इसके अलावा हम रिसर्च करते हुए पाकिस्तान के एक पत्रकार बिलाल फारूकी के एक ट्वीट तक पहुंचे. फारूकी के पोस्ट के अनुसार, 23 अप्रैल को सिपाह-ए-सहाबा के सदस्य एक व्यक्ति के घर पर पत्थर फेंकते दिख रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने इसका कारण यह लिखा कि हमला करने वाले लोग युवक पर ईशनिंदा का आरोप लगा रहे हैं.

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फारूकी ने इस वीडियो का क्रेडिट जवार असगर अली बलोच को दिया था. उनके ट्विटर बायो के अनुसार, फारूकी 2014 में हेनरी ल्यूस फेलो रह चुके हैं, इसके अलावा ट्रिब्यून 24/7, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून, द न्यूज, समा टीवी, डेली टाइम्स और पाकिस्तान टुडे के साथ काम कर चुके हैं.

हालांकि इस घटना का कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिल सका. पाकिस्तान में हुए इस घटना की सही जानकारी मिलने का हमें एक संकेत और मिला. वीडियो में जो वर्दी पहने पुलिस वाला युवक दिख रहा है, वो पाकिस्तान पुलिस के द्वारा पहने जाने वाली वर्दी से मेल खा रहा है.

दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.
दावा किया जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और पत्थर फेंकने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.
पाकिस्तान पुलिसकर्मियों का सांकेतिक फोटो
(फोटो: PTI)

(SM होक्सप्लेयर से इनपुट के साथ)

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