Whatsapp पर फॉरवर्ड हुए एक मैसेज में दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20,000 करोड़ रुपये के नए नोट बरामद हुए. ये खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है.
फॉरवर्ड मैसेज में लिखा है: “मोदीजी को बधाई हो, बीजेपी के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करेंसी पकड़ी गई है. ये खबर आग की तरह फैला दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं है.”
क्या है इस दावे का सच?
व्हाट्सएप फॉरवर्ड में जिन दो फोटो का इस्तेमाल किया गया है वो दो अलग घटनाओं की हैं और इसका सीधे तौर पर सुधीर गाडगिल से कोई लेना-देना नहीं है. जिस तस्वीर में पुलिस अधिकारी और गाड़ी दिख रही है, वो 2016 की है, जब महाराष्ट्र के ओस्मानाबाद में 6 करोड़ रुपये के साथ इस गाड़ी को पकड़ा गया था.
दूसरी तरफ 20,000 करोड़ रुपये दिखाने का दावा करने वाली फोटो वास्तव में आई-टी रेड की है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक ये फोटो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ब्रोकर संजय गुप्ता के घर पर आईटी रेड के दौरान की है.
फैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई
दोनों तस्वीरों को जब गूगल पर रिवर्स इमेज में सर्च किया गया तो पता चला कि ये दोनों फोटो अलग-अलग घटनाओं की है. इसमें से एक फोटो 2016 की है जबकि, दूसरी 2017 की है.
पहली फोटो जिसमें पुलिस जब्त की हुई कैश और गाड़ी के साथ दिखाई दे रही है, वो 15 नवंबर 2016 की है. ये गाड़ी सांगली अर्बन बैंक की थी जिसे पुलिस ने जांच के लिए रोका था. ABP न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सांगली अर्बन बैंक का मालिक गणेश गाडगिल है, जो सुधीर गाडगिल का भाई है. लेकिन पुलिस ने जो पैसा पकड़ा था वो बैंक के मुख्य ब्रांच सांगली जा रहा था और इसका 20000 करोड़ के दावे से कोई लेना-देना नहीं है.
इससे ये साफ है कि व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर वायरल इस पोस्ट का दावा बिलकुल गलत है.
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