दावा
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लॉकडाउन के लिए ऑफिशियल प्रोटोकॉल और प्रक्रिया रिलीज की है.
इस वायरल मैसेज के मुताबिक, WHO ने लॉकडाउन लगाने के लिए 4 स्टेप बताए हैं.
- पहला स्टेप: 1 दिन
- दूसरा स्टेप: 21 दिन
- तीसरा स्टेप: 28 दिन
- चौथा स्टेप: 15 दिन
मैसेज में WHO के हवाले ये भी कहा गया है कि लॉकडाउन के ये स्टेप लागू करने के बीच में कुछ दिनों की छूट भी दी जाएगी. मैसेज में दावा किया गया है कि भारत भी WHO की इसी गाइडलाइंस को फॉलो कर रहा है.
ये मैसेज और फोटो इसी दावे से फेसबुक और WhatsApp पर शेयर की जा रही है.
सच या झूठ?
ये दावा गलत है.
क्विंट ये कंफर्म करता है कि इस वायरल मैसेज में कोई सच्चाई नहीं है और WHO ने ऐसा कोई प्रोटोकॉल जारी नहीं किया है.
हमें जांच में क्या मिला?
WHO ने खुद ट्विटर पर साफ किया है कि लॉकडाउन के लिए संगठन का कोई प्रोटोकॉल नहीं है. WHO ने लिखा कि वायरल मैसेज आधारहीन और फेक है.
हर देशों में लॉकडाउन पीरियड अलग-अलग होता है, और ये वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए लगाया जा सकता है. इसलिए सभी देशों के लिए एक प्रोटोकॉल जारी करना संभव नहीं है.
इसके अलावा, ये वायरल मैसेज कैंब्रिज के भारतीय मूल के दो शोधकर्ताओं के एक पब्लिश्ड पेपर पर आधारित है. इस पेपर में भारत में COVID-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए छूट के साथ लॉकडाउन लागू करने की बात लिखी है.
(जबसे ये महामारी फैली है, इंटरनेट पर बहुत सी झूठी बातें तैर रही हैं. क्विंट लगातार ऐसी झूठ और भ्रामक बातों की सच उजागर कर रहा है. आप यहां हमारे फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ सकते हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)