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"कोटा के अंदर कोटा मिले", महिला आरक्षण बिल- राबड़ी, अखिलेश, मायावती, ओवैसी ने क्या कहा?

Women Reservation Bill: AAP की नेता आतिशी ने इस बिल को महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक बताया है.

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महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) नए संसद की लोकसभा में पेश हो गया है. लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश होने के बाद से महिला आरक्षण पर पूरे देश से राजनीतिक पार्टियों और नेताओं की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. बिल का समर्थन करने वाले नेता जहां केंद्र सरकार की इस पहल की सराहना कर रहे हैं. वहीं कुछ राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध भी कर रही हैं.

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विरोध करने वाले नेताओं का बयान

महिला आरक्षण पर चर्चा करने के लिए BSP सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. कॉन्फ्रेंस में उन्होंने SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर, ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी. वहीं उन्होंने आबादी के हिसाब से 50 प्रतिशत आरक्षण रहने की बात कही.

AAP पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि यह महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है. आतिशी ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा, "महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है. विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ विधेयक है."

इस बीच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इस बिल का विरोध किया. उन्होंने लिखा कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33% आरक्षण दिया गया है उसमें SC, ST, OBC महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई है. SC/ST वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से SC/ST की महिलाओं को 33% मिलेगा. यानि यहाँ भी SC/ST को धोखा.

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यह आरक्षण 2029 तक लागू नहीं हो सकता- प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी इस बिल का विरोध करते दिखाई दीं. सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि "मैं उम्मीद करती हूं कि यह तुरंत लागू होगा लेकिन बिल में यह लिखा है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा. इसका यह मतलब हुआ कि यह आरक्षण 2029 तक लागू नहीं हो सकता. आपने दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन दरवाजों पर महिलाओं के लिए अभी भी 'नो एंट्री' है."

SP प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विधेयक में लैंगिक न्याय और संतुलन लाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.

वहीं SP सांसद डिंपल यादव ने भी सरकार की इस पहल को चुनावी दांवपेंच बताया. उन्होंने कहा कि सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं. अगर उन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था, तो वो पहले ला सकते थें. वो इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं. हालांकि डिंपल यादव ने इस बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "SP ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं, उन्हें उनका हक मिलना चाहिए."

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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने की निंदा

OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा का प्रावधान न होने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था.

CPM नेता वृंदा करात ने लोकसभा में पेश किए गए इस बिल का पुरजोर विरोध किया है.

2024 के चुनावों और 18वीं लोकसभा के गठन तक संसद में 1/3 महिलाएं नहीं होंगी, कई विधानसभा चुनावों में 1/3 महिलाएं नहीं होंगी. क्या महिलाओं को मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल के लिए आभारी होना चाहिए? मैं कहूंगी कि बिल्कुल भी नहीं.
वृंदा करात (CPM नेता)

उनका मानना है कि यह बिल सुनिश्चित करता है कि अगले परिसीमन अभ्यास तक महिलाएं चुनाव से वंचित रहें.

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बिल का समर्थन करने वाले नेताओं का बयान

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने केंद्र सरकार के इस पहल की प्रशंसा की. उन्होंने कहा,"हमारी सरकार महिला नेतृत्व विकास की बात करती है. सिर्फ महिलाओं का सशक्तिकरण हो यह हमारी सोच नहीं होनी चाहिए लेकिन महिलाएं आगे बढ़कर कैसे नेतृत्व कर देश के विकास में कैसे भागीदार बनें यह भी जरूरी है. महिलाएं निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे और देश हित में जो फैसले होते हैं, कानून बनते हैं, उन चर्चाओं में योगदान दें और अपना अनुभव साझा करें."

चिराग पासवान ने इस बिल का समर्थन करते हुए देश की सभी महिलाओं को बधाई दी है. लोकसभा में बिल पेश किए जाने पर उन्होंने पीएम मोदी की सराहना की है.

हम लंबे समय से इसकी उम्मीद लगाकर रखे हुए थे कि महिलाओं का अधिकार कब इस संसद में पारित होगा. इसमें लंबा समय लगा लेकिन हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास था. मुझे खुशी है कि आज सशक्त रूप में 'नारी शक्ति वंदना' के रूप में इस बिल को प्रस्तुत किया गया है.
चिराग पासवान (लोक जनशक्ति दल (रामविलास पासवान) के अध्यक्ष )

BJP सांसद रवि शंकर प्रसाद ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए इसे एक ऐतिहासिक क्षण बतलाया. उन्होंने कहा, "नई संसद में आज हमारा पहला दिन था. हम बहुत खुश हैं. नारी शक्ति का अभिनंदन. इस बिल पर सर्वसम्मति होती तो अच्छा होता."

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