अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने कहा है कि देश की स्थिति अगले छह महीनों में बदल जाएगी. गनी ने जोर दिया कि शहरों की सुरक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है. 1 अगस्त को एक वर्चुअल कैबिनेट बैठक में अशरफ गनी ने कहा कि पिछले दो दशकों में तालिबान (Taliban) 'ज्यादा बेरहम और ज्यादा दमनकारी' हो गया है.
गनी ने कहा, "तालिबान शांति, समृद्धि या प्रगति नहीं चाहता है. हम शांति चाहते हैं लेकिन वो लोगों और सरकार का सरेंडर चाहते हैं."
"जब तक युद्ध क्षेत्र में परिस्थिति नहीं बदलेगी तब तक वो सार्थक बातचीत नहीं करेंगे इसलिए हमारा रुख साफ होना चाहिए. इसके लिए देशभर में मोबिलाइजेशन की जरूरत है."अशरफ गनी
अशरफ गनी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब 1 अगस्त को अफगान सुरक्षा बलों ने तालिबान लड़ाकों और उनके ठिकानों पर बम बरसाए. वहीं, तालिबान ने 1 अगस्त को कंधार एयरपोर्ट पर रॉकेट दागे.
तालिबान के तीन रॉकेट में से दो कंधार एयरपोर्ट के रनवे पर गिरे. इसकी वजह से सुबह सभी उड़ानें रद्द कर दी गई थीं. अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर कंधार एक समय पर तालिबान का गढ़ कहा जाता था.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "कंधार एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया क्योंकि दुश्मन हम पर एयरस्ट्राइक करने के लिए उसे केंद्र की तरह इस्तेमाल कर रहा था."
कई प्रांतीय राजधानी पर हो सकता है कब्जा
कंधार एयरपोर्ट पर हमला ऐसे समय में हुआ है जब तालिबान दो और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के करीब है. ये दो राजधानी हैं- पश्चिम में हेरात और दक्षिण में लश्कर गाह.
अमेरिकी सेना की वापसी के बीच तालिबान का सैन्य अभियान तेज हो गया है. अशरफ गनी सरकार के लिए मुश्किल बढ़ रही है क्योंकि कई इलाकों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है.
अमेरिकी इंटेलिजेंस का मानना है कि सेना वापसी के कुछ महीनों के अंदर गनी सरकार गिर सकती है. जून में आई एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया था कि अफगान सरकार अमेरिकी सेना की वापसी के छह महीनों के अंदर गिर सकती है.
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