लंदन में पाकिस्तानी समर्थक दिवाली के मौके पर भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे. लेकिन इस बार लंदन सरकार ने उन्हें ऐसा करने से रोकने का फैसला किया है. ब्रिटिश सरकार ने कश्मीर के मुद्दे पर प्रदर्शन करने जा रहे पाकिस्तानी समर्थकों को इसकी इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हाउस ऑफ कॉमन में कहा कि किसी प्रदर्शन में हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है. ऐसी हिंसा को किसी भी तरह स्वीकार नहीं कर सकते हैं. इसके एक दिन बाद लंदन महानगर पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने बताया कि उसने विरोध मार्च निकालने के लिए आवेदन करने वाले समूह पर रोक लगा दी है.
महानगर पुलिस के उप सहायक आयुक्त मैट ट्विस्ट ने कहा,
‘‘हम प्रदर्शनकारियों के लिए प्रदर्शन की तारीख की प्रासंगिकता को समझते हैं लेकिन इसके साथ ही हम हिंदू त्योहार दिवाली पर भी गौर कर रहे हैं ,जो इसी दिन है. मेरा मानना है कि इस दिन प्रदर्शनकारियों और इससे प्रभावित होने वाले लोगों के अधिकारों में संतुलन बनाया जाए.”
उन्होंने कहा, हम अपराध और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं.
भारत ने किया था विरोध
बता दें कि इससे पहले भी कई बार भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तानी समर्थकों ने खूब हंगामा किया है. इस प्रदर्शन में पुलिस की नाक के नीचे लोग अपने साथ बोतलें और पत्थर लाते हैं और मौका मिलते ही भारतीय दूतावास पर हमला बोल देते हैं. जिसके बाद खबर आई थी कि भारत ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने पाकिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन का मुद्दा मजबूती के साथ ब्रिटिश सरकार के समक्ष उठाया था. इस पर ब्रिटेन ने भी भरोसा दिया था कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा.
दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दो बार भारत विरोधी प्रदर्शन हुए जिसे पाकिस्तान ने प्रायोजित किया था. उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय उच्चायोग के कामकाज में रुकावट पैदा की गई. हमने इस मामले में अपना पक्ष ब्रिटिश सरकार के समक्ष उठाया."
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