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अमेरिका में दिसंबर से दी जा सकती है कोरोना वैक्सीन की डोज- रिपोर्ट

कुछ दिनों पहले ही फाइजर और बायोएनटेक ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए FDA से अनुमति मांगी थी.

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कोरोना वायरस वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) को लेकर अमेरिका (America) से अच्छी खबर आई है. अमेरिका में कोरोना वैक्सीन का डोज दिसंबर से शुरू हो सकता है. अमेरिका में सरकार के वैक्सीन प्रोग्राम के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर, डॉ. मॉन्सेफ स्लोई ने कहा है कि वैक्सीन को अप्रूवल मिलने के 24 घंटे के अंदर ही इसे दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन वार्प स्पीड वैक्सीन प्रोग्राम के डॉ. स्लोई ने NBC के एक कार्यक्रम में कहा कि वैक्सीन राज्यों की जनसंख्या के आधार पर डिस्ट्रिब्यूट की जाएगी. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के एडवाइजर्स फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के अप्रुवल के लिए 10 दिसंबर को बैठक करेंगे. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही फाइजर और बायोएनटेक ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए FDA से अनुमति मांगी थी.

आखिरी ट्रायल्स में फाइजर और उसकी जर्मन पार्टनर बायोएनटेक द्वारा मिलकर बनाई जा रही वैक्सीन 95% तक कारगर दिखी थी. कंपनी ने एक बयान में कहा था, “शुरुआती ट्रायल्स से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगती है.”

लोगों को तीन हफ्तों के अंदर इस वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, फाइजर को उम्मीद है कि साल के अंत तक 2.5 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन के डोज तैयार हो जाएंगे.

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राज्य तय करेंगे प्राथमिकता

डॉ. स्लोई ने कहा कि हर राज्य ये तय करेंगे की वैक्सीन किसे दी जाएगी, जिसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें वायरस का ज्यादा खतरा है जैसे हेल्थ केयर कर्मचारी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्ग लोग. उन्होंने कहा कि लगभग 70% आबादी को हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने के लिए वैक्सीन देने करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को मई तक पूरा किया जा सकता है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नतीजों के बाद कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और प्रेसिडेंट-इलेक्ट जो बाइडेन की टीमों को साथ लाना बड़ी चुनौती होगा. बाइडेन 20 जनवरी को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का पद संभालेंगे. ऐसे में, करीब डेढ़ महीने का ट्रांजिशन रहेगा. व्हाइट हाउस के नए चीफ ऑफ स्टाफ बनने जा रहे रॉन क्लैन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना वायरस विशेषज्ञों और प्रेसिडेंट-इलेक्ट जो बाइडेन की ट्रांजिशन टीम के बीच जानकारी का सही से पास होना जरूरी है, ताकि इसमें देरी न हो.

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कोरोना से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका

अमेरिका दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. कंफर्म मामलों और मौत के आंकड़े सबसे ज्यादा अमेरिका में हैं. यूएस में 1.22 करोड़ लोग कोरोना वायरस से अब तक संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 2.56 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा मौतें न्यूयॉर्क में हुई हैं, जहां 34 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से जिंदगी की जंग हार गए हैं. साढ़े तीन लाख के केसों के साथ लॉस एंजिलिस केसों की संख्या के मामले में टॉप पर है.

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