फेसबुक ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो साल के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर बैन कर दिया है. इससे पहले मई में सोशल मीडिया नेटवर्क के ओवरसाइट बोर्ड ने फेसबुक पर ट्रंप के अकाउंट के निलंबन को बरकरार रखने के पक्ष में राय दी थी. 6 जनवरी को अमेरिकी संसद परिसर में हुई हिंसा के बाद ट्रंप के अकाउंट को निलंबित कर दिया गया था. ट्रंप पर इस घटना के लिए अपने समर्थकों को भड़काने के आरोप लगे थे.
ओवरसाइट बोर्ड ने क्या-क्या कहा था?
बोर्ड ने मई में कहा था कि, “फेसबुक के लिए अनिश्चितकाल निलंबन की मानकविहीन पेनल्टी लगाना उचित नहीं था.” उसने कहा कि फेसबुक के पास 7 जनवरी को लगाए गई “मनमानी पेनल्टी” के खिलाफ फिर से जांच कर कोई और पेनल्टी तय करने के लिए छह महीने का समय है, जिससे “उल्लंघन की गंभीरता और भविष्य में नुकसान की आशंका” दिखती हो.
बोर्ड ने कहा था कि फेसबुक अगर ट्रंप के अकाउंट को बहाल करने का फैसला करता है तो कंपनी को आगे होने वाले उल्लंघनों का तत्काल पता लगाने में सक्षम होना चाहिए. बता दें कि ट्रंप को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जा चुका है.
नेताओं को छूट देने वाली पॉलिसी खत्म करने की तैयारी में है फेसबुक
ऐसी भी रिपोर्ट सामने आई है कि फेसबुक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बैन के बाद राजनेताओं और निर्वाचित अधिकारियों के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट को खत्म करने की योजना बना रहा है. इस खबर की पुष्टि इससे जुड़ी स्वतंत्र निगरानी बोर्ड ने की है. द वर्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही नेताओं से जुड़ी फेसबुक पॉलिसी में बदलाव का ऐलान हो सकता है. रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया, “फेसबुक अपनी विवादास्पद नीति को खत्म करने की योजना बना रहा है जो ज्यादातर नेताओं को कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े नियमों से बचाती है.ये नीतियां जब अन्य यूजर्स पर लागू होती हैं, तो इससे लीडर्स कैसे बच सकते हैं?”
सोशल नेटवर्क ने अपने कंटेंट नियमों को तोड़ने वाले खातों को साझा करने की भी योजना बनाई है, रिपोर्ट में कहा गया है, "इसमें यूजर्स को यह बताना शामिल होगा कि उन्हें इसके नियमों का उल्लंघन करने के लिए कब सूचित किया गया, कार्रवाई के तौर पर उनका एकाउंट सस्पेंड भी हो सकता है.
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