अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ही कोरोना वायरस के लिए चीन पर हमलावर रहे हैं. ट्रंप ने अब एक बार फिर हमला बोलते हुए कहा है कि उनका प्रशासन इस मामले में गंभीर जांच कर रहा है. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
“हम बहुत गंभीर जांच कर रहे हैं. हम चीन से खुश नहीं हैं, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप उन्हें जवाबदेह ठहरा सकते हैं. हमारा मानना है कि इसे सोर्स पर ही रोका जा सकता था. इसे जल्दी रोका जा सकता था और ये पूरी दुनिया में नहीं फैलता.”डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका
पिछले कुछ हफ्तों में, ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ बयानबाजी तेज कर दी है. ट्रंप प्रशासन चीन पर गैर-पारदर्शी होने और उसे दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है.
इससे पहले, व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भी चीन पर आरोप लगाया था कि वो खराब क्वालिटी के एंटीबॉडी टेस्टिंग किट का निर्यात करके इन हालातों का लाभ उठा रहा है. नवारो ने भी इन हालातों के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने की बात कही थी.
चीन से फैले इस जानलेवा वायरस ने अब तक दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. वहीं, पूरी दुनिया में COVID-19 के कंफर्म केस 30 लाख पार कर गए हैं. इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका और यूरोप है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा केस अमेरिका, स्पेन, इटली, फ्रांस और जर्मनी में हैं.
अमेरिका में 10 लाख केस ट्रंप प्रशासन की नाकामी का परिणाम?
राष्ट्रपति ट्रंप और उनके सहयोगी चीन पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं और इसी बीच अमेरिका में COVID-19 संक्रमण के केस 10 लाख पार कर गए हैं. ट्रंप प्रशासन की सुस्ती के चलते अमेरिका में 53 हजार से ज्यादा लोगों की जान चुकी है.
इसके साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी इस संकट के चलते भारी नुकसान होने की आशंका है. अमेरिकी कांग्रेस के वित्तीय कार्यालय की ताजा रिपोर्ट यही कहती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी से अमेरिका की इकॉनमी 40 प्रतिशत तक नीचे गिर सकती है, जिससे संघीय घाटा तीन खरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है. अर्थव्यवस्था और नागरिकों के वायरस से संक्रमित होने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और दूसरे बड़े नेता गंभीर नहीं दिख रहे हैं.
(इनपुट्स- भाषा, IANS)
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