पिछले 10 दिनों से रूस, यूक्रेन (Ukraine) पर लगातार हमले कर रहा है. इस बीच शुक्रवार, 4 मार्च को रूस ने सोशल मीडिया की बड़ी कंपनी- फेसबुक (Facebook) को ब्लॉक करने का ऐलान किया है. इसके अलावा देश में यूट्यूब (YouTube) और ट्विटर (Twitter) को भी बैन किया गया है.
रूस ने इन सोशल मीडिया कंपनीज पर सरकारी मीडिया के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
रूस की मीडिया रेगुलेटर एजेंसी रोमकोमनाडजोर (Roskomnadzor) ने कहा कि साल 2020 से ही फेसबुक के द्वारा रूस की मीडिया के खिलाफ भेदभाव से भरपूर कई मामले सामने आए हैं.
सेवाएं बहाल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश होगी- मेटा
रूस द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ग्लोबल अफेयर्स प्रेसीडेंट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कंपनी अपनी सर्विसेज को फिर से शुरू करने के लिए वह सब कुछ करना जारी रखेगी, जो वह कर सकती है. उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले के बाद रूस के लाखों आम नागरिक भरोसेमंद जानकारी से खुद को अलग-थलग महसूस करेंगे, फैमली और दोस्तों के साथ जुड़ने से वंचित व चुप हो जाएंगे.
इसके पहले रूसी सांसदों ने ‘फेक न्यूज’ पब्लिश करने के खिलाफ कठोर जेल की सजा और जुर्माना लगाने वाले कानून का समर्थन किया.
रूस के निचले सदन ने एक बयान में कहा कि अगर फर्जी समाचारों के नतीजे गंभीर होते हैं तो आरोपी को कानून के तहत 15 साल तक की जेल हो सकती है.
BBC ने लिया बड़ा फैसला
मीडिया की दिग्गज कंपनी बीबीसी ने रूस में अपने ऑपरेशन को रोकने का ऐलान किया है. बीबीसी का मॉस्को में बड़ा ब्यूरो है, इसके अलावा कंपनी रूसी भाषा में न्यूज वेबसाइट भी चलाती है.
बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने एक बयान में कहा कि
यह कानून स्वतंत्र पत्रकारिता की प्रक्रिया का अपराधीकरण करता हुआ दिखाई देता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि पत्रकारों को केवल अपना काम करने के बदले में आपराधिक मुकदमे के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है.
बता दें इससे पहले रूस के दो बड़े मीडिया संस्थान, नोबेल पुरस्कार विजेता न्यूजपेपर Novaya Gazeta और बिजनेस न्यूज वेबसाइट The Bell ने शुक्रवार को कहा कि वे अपने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए यूक्रेन पर रूस के हमले पर रिपोर्टिंग करना बंद कर देंगे.
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