पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान नेताओं से मुलाकात की है. एक पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक इस मुलाकात में तालिबान के कई बड़े नेता शामिल हुए. तालिबान के इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने किया.
पाकिस्तानी माडिया के मुताबिक, खान ने गुरुवार रात तालिबानी नेताओं के साथ बैठक की. उन्होंने इस दौरान अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. इमरान खान ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा.
विदेश मंत्री से भी हुई थी मुलाकात
प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करने से पहले तालिबानी नेताओं की पाकिस्तान के विदेश मंत्री से भी मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में युद्ध को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आह्वान किया. कुरैशी ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान में एक टिकाऊ, लंबे समय तक की शांति और स्थिरता के लिए वार्ता की बहाली चाहता है. उन्होंने कहा, "युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए बातचीत एकमात्र और सकारात्मक समाधान है."
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में मौजूद तालिबान का यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकता है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति वार्ता को अचानक से रद्द कर दिया था.
अफगानिस्तान लगातार पाकिस्तान पर आरोप लगाता आया है कि वो जानबूझकर उनके देश में आतंकवाद फैला रहा है. हाल ही में अफगानिस्तान के एनएसए ने कहा था- तालिबान पाकिस्तान और उसकी एजेंसी आईएसआई की परछाई है. अफगानिस्तान कभी भी पाकिस्तान का शासन नहीं स्वीकार करेगा.
आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा तालिबान
एक तरफ जहां पाकिस्तानी नेता तालिबान के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तालिबान अफगानिस्तान में आतंक का कहर बरपा रहा है. तालिबानी लड़ाके यहां कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में जुटे हैं. कुछ ही दिन पहले मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए 400 से ज्यादा तालिबान लड़ाकों ने बल्ख प्रांत में शोरटेपा जिला पुलिस मुख्यालय पर हमला किया. जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.
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