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तनाव के बीच शी जिनपिंग ने कहा, शांतिपूर्ण तरीकों से ताइवान को चीन में मिलाएंगे

China Taiwan | ताइवान ने बीजिंग को जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि केवल ताइवान के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं.

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चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच पिछले कई हफ्तों से जारी अत्यधिक तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति का महत्वपूर्ण बयान आया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 9 अक्टूबर को शांतिपूर्ण तरीकों से ताइवान को चीन में मिलाने का वादा किया.

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इसके तुरंत बाद ताइवान ने बीजिंग को जवाब देते हुए अपनी "जबरदस्ती" छोड़ने को कहा और फिर से स्पष्ट किया कि केवल ताइवान के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं.

हाल के हफ्तों में ताइवान और चीन के बीच तनाव चरम पर है. लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को चीन में मिलाने के लिए बीजिंग ने हाल में सैन्य और राजनीतिक दबाव अत्यधिक बढ़ा दिया है. अक्टूबर के पहले चार दिनों में ही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने ताइवान के एयर डिफेंस जोन क्षेत्र में लगभग 150 फाइटर प्लेन भेजे.

चीनी लोगों में अलगाववाद का विरोध करने की "शानदार परंपरा" है- शी जिनपिंग

बीजिंग के ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल’ में भाषण देते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोगों में अलगाववाद का विरोध करने की "शानदार परंपरा" है. शी जिनपिंग चीन में वर्ष 1911 में हुए शिन्हाई क्रांति की 110वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे.

Xinhua न्यूज एजेंसी के अनुसार उन्होंने कहा कि,

"ताइवान में मौजूद स्वतंत्रता अलगाववाद उसके मेनलैंड चीन में शामिल होने में सबसे बड़ी बाधा है और यह राष्ट्र के कायाकल्प के लिए सबसे गंभीर छिपा खतरा है… हमारे देश का पूर्ण एकीकरण होगा और उसे सच किया जा सकता है”

शी जिनपिंग ने आगे कहा कि “शांतिपूर्ण पुनःएकीकरण ताइवान के लोगों के सभी हितों को पूरा करता है, लेकिन चीन अपनी संप्रभुता और एकता की रक्षा करेगा. किसी को भी चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प, दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की मजबूत क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए”.

हालांकि यह जुलाई में उनके तेवर की तुलना में थोड़ा नरम है. शी जिनपिंग ने जुलाई में ताइवान का उल्लेख करते हुए औपचारिक स्वतंत्रता के किसी भी प्रयास को "तोड़ने" की कसम खाई थी. 2019 में तो शी जिनपिंग ने ताइवान को बीजिंग के नियंत्रण में लाने के लिए सीधे बल प्रयोग की धमकी दी थी.

चीन के हैकर्स भी बना रहे ताइवान- हांगकांग को निशाना

चीन के हैकर्स ने ताइवान और हांगकांग में राजनीतिक मुद्दों और विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया है. यह जानकारी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने “2021 डिजिटल डिफेंस रिपोर्ट” में दी है. यह रिपोर्ट जुलाई 2020 और जून 2021 के बीच की अवधि को कवर करती है.

अक्टूबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, "क्रोमियम" साइबर हैकर ग्रुप ने भारत, मलेशिया, मंगोलिया, पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे चीन के पड़ोसी देशों के अलावा "हांगकांग और ताइवान के संवेदनशील सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों" को टारगेट किया है.

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