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कोरोना मामलों में भारत की तेज रफ्तार आखिर कितनी खतरनाक?

भारत में मृत्यु दर कम और रिकवरी रेट अब भी बाकी देशों से ज्यादा ही है.

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कोरोना वायरस के मामले भारत में हर दूसरे दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. जब जीडीपी पिछले 40 सालों में पहली बार -23.9 तो हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी, लेकिन फिर अचानक खबर सामने आई कि भारत ने कोरोना मामलों में ब्राजील को भी पीछे छोड़ दिया है और अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आ चुका है.

यानी जहां देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, वहां वो माइनस में गिर गई, और कोरोना मामले जो कम होने चाहिए थे वो लगातार बढ़ रहे हैं.

दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलो की लिस्ट में हम अमेरिका से कुछ ही दूर हैं. यानी 42 लाख मामलों के साथ हम ग्लोबली नंबर दो के स्थान पर आ गए हैं. भले ही भारत में रोजाना 80 से 90 हजार मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन मृत्य दर अब भी बाकी देशों के मुकाबले काफी कम है और रिकवरी रेट भी ज्यादा है. फिर ये भी कहा जा रहा है कि भारत जैसे बड़े देश में ये आंकड़े बहुत मामूली हैं और शायद हमें उतना डरने की जरुरत न हो. लेकिन साइंटिस्ट्स का मानना है कि मामला इतना बढ़ गया है कि सरकार भी अब कुछ नहीं कर सकती. आखिर भारत की ये Covid स्टोरी आंकड़ों को देखते हुए कैसे समझें? यही आज इस पॉडकास्ट में समझने की कोशिश करेंगे देश के जाने माने विरोलॉजिस्ट, डॉ. शाहिद जमील से.

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