भारतीय क्रिकेट टीम बुधवार को आईसीसी वर्ल्ड कप में अपने सफर की शुरुआत करेगी. साउथैंप्टन के रोज बाउल स्टेडियम में टीम इंडिया का सामना साउथ अफ्रीका से होगा. साउथ अफ्रीका टूर्नामेंट में पहले ही दो मैच खेल चुकी है और दोनों मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में भारतीय टीम का कुछ टीमों के खिलाफ बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है. साउथ अफ्रीका इन टीमों में से एक है. आखिरी बार वर्ल्ड कप में दोनों टीमें जब भिड़ी थीं, तो भारत को पहली जीत मिली थी.
साउथ अफ्रीका और भारत के बीच वर्ल्ड कप में 4 मैच हुए हैं और भारत को इनमें से 3 में हार का सामना करना पड़ा. भारत को इकलौती जीत 2015 के वर्ल्ड कप में मिली थी.
यहां नजर डालते हैं उन 4 मैचों की कहानियों पर-
एडीलेड- 15 मार्च 1992 (6 विकेट से हार)
पहली बार भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एडीलेड में हुआ मैच बारिश के कारण सिर्फ 30-30 ओवर का हुआ.
टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और पहले ओवर में ही ओपनर श्रीकांत खाता खोले बिना ही आउट हो गए.
इसके बाद संजय मांजरेकर और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टीम को संभाला. आखिरकार अजहरुद्दीन ने 79(77 गेंद) और कपिल देव के तेज तर्रार 42(29 गेंद) रनों की मदद से भारत ने 30 ओवर में 180 का अच्छा स्कोर खड़ा किया.
साउथ अफ्रीका के लिए एंड्रूय हडसन और पीटर कर्स्टन ने शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 128 रन जोड़ डाले. लेकिन फिर भारतीय गेंदबाजों ने जल्दी जल्दी 4 विकेट निकाले और मैच एक बार के लिए फंसता हुआ दिखा. हालांकि केपलर वेसल्स और हैंसी क्रोन्ये ने तेजी से 18 रन जोड़कर अफ्रीका को जीत दिलाई.
ब्राइटन- 15 मई, 1999 (4 विकेट से हार)
1999 का वर्ल्ड कप में दोनों टीमों ने इस मैच के साथ वर्ल्ड कप में अपने सफर की शुरुआत की थी. अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया. सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई.
सचिन के आउट होने के बाद गांगुली और द्रविड़ ने 130 रन का पार्टनरशिप की. गांगुली शतक से 3 रन से चूक गए और 97 पर आउट हुए, जबकि द्रविड़ ने 54 रन बनाए. आखिरी ओवरों में भारतीय बल्लेबाज तेजी से रन नहीं बना पाए और 50 ओवर में सिर्फ 253 रन बनाए.
जवागल श्रीनाथ ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई और अफ्रीका के दोनों ओपनर्स को जल्दी आउट कर दिया. कैलिस एक ओर से जमे रहे, लेकिन बीच में विकेट गिरते रहे. कैलिस 96 रन पर रन आउट हो गए. इसके बाद जॉन्टी रोड्स और लांस क्लूजनर ने तेजी से रन बनाए और अफ्रीका को 6 विकेट से जीत दिलाई.
नागपुर- 12 मार्च, 2011 (3 विकेट से हार)
2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनी भारतीय टीम को पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक हार का सामना करना पड़ा और वो थी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ. वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के बीच हुआ ये सबसे रोमांचक मैच था.
नागपुर में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया के लिए सहवाग और सचिन ने पहले विकेट के लिए 142 रन जोड़े, जबकि सचिन और गंभीर ने दूसरे विकेट के लिए 125 रन की साझेदारी की. सचिन ने टूर्नामेंट में अपना दूसरा शतक जड़ते हुए 111 रन बनाए. गंभीर ने 68 और सहवाग ने 73 रन बनाए. लेकिन दूसरे बल्लेबाज डेल स्टेन के सामने फेल हो गए. भारत ने अफ्रीका के लिए 297 रन का लक्ष्य रखा.
जहीर खान ने 41 रन पर अफ्रीका का पहला विकेट लिया, लेकिन अफ्रीका ने हाशिम अमला (61), कैलिस (69) और डिविलियर्स के तेजी से बनाए 52 रन की मदद से 49.4 ओवर में 300 रन बनाकर मैच जीत लिया. भारत की वर्ल्ड कप में अफ्रीका के खिलाफ लगातार तीसरी हार थी.
मेलबर्न- 22 फरवरी, 2015 (130 रन से जीत)
2015 वर्ल्ड कप में भारत ने आखिरकार अफ्रीका के खिलाफ अपनी हार के सिलसिले को तोड़ा.
एमसीजी के ऐतिहासिक मैदान में हुए इस मैच में एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया. टीम की शुरुआत खराब रही और रोहित शर्मा बिना खाता खोले आउट हो गए.
यहां से धवन और विराट कोहली ने 117 रन जोड़े, जब कोहली 46 के स्कोर पर आउट हुए. इसके बाद धवन ने रहाणे के साथ मिलकर टीम को बड़े स्कोर की तरफ पहुंचाया. शिखर धवने ने एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट में सेंचुरी जड़ी. धवन के 137 और रहाणे के 79 रन की बदौलत भारत ने 307 रन बनाए.
अफ्रीका के की शुरुआत अच्छी नहीं रही और क्विंटन डि कॉक सिर्फ 7 रन पर आउट हो गए. अमला और डु प्लेसी ने स्कोर को आगे बढ़ाया, लेकिन वो भी ज्यादा देर नहीं टिक सके.
एक बार डिविलियर्स के रन आउट होने के बाद अफ्रीकी टीम नहीं संभल पाई और सिर्फ 170 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका को पहली बार हराया
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