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Harmanpreet Kaur: अंग्रेजों को अकेले धूल चटाने वाली भारतीय कप्तान की कहानी

Harmanpreet Kaur ने 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी.

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने बुधवार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में कमाल कर दिया. उन्होंने अपनी पारी और कप्तानी से वह कर दिखाया जो पिछले दो दशकों में नहीं हो पाया था. हरमनप्रीत के शतकीय पारी की बदौलत भारतीय टीम 23 साल बाद अंग्रेजों को उसी के सरजमीं पर वनडे सीरीज हराने में सफल रही.

पंजाब के मोगा जिले की धूल भरी गलियों में अपना बचपन बिताने वाली हरमन ने शायद ही सोचा होगा कि वह अंग्रेजों के घर में घुसकर उन्हें धूल चटा देगी. लेकिन जब हिम्मत मजबूत और हौसले बुलंद हों तो कुछ भी मुश्किल नहीं.

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पिता की भी खेल में रुचि रही है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन 8 मार्च 1989 को जन्मी हरमनप्रीत कौर ने महिला सशक्तिकरण की एक शानदार मिसाल कायम की है. उन्होंने उस समय उस जिले से क्रिकेटर बनने का सपना देखा, जब लड़कियों के हुनर और सपनों को अक्सर घर की दहलीज से बाहर नहीं बढ़ने दिया जाता था.

हालांकि, हरमनप्रीत के लिए अच्छी बात थी कि उनके पिता हरमंदर सिंह भुल्लर भी वॉलीबॉल और बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं. जिन्हें देखकर ही हरमन का खेल के प्रति रुझान बढ़ा.

हरमन ने क्रिकेट के गुर कमलदीश सिंह सोढ़ी से ज्ञान ज्योति स्कूल अकादमी में सीखे. यह स्कूल उनके घर से करीब 30 किमी दूर था.

वीरेंद्र सहवाग से थीं प्रभावित 

वीरेंद्र सहवाग से प्रभावित होकर क्रिकेट में कदम रखने वाली हरमन के खेलने का अंदाज भी सहवाग जैसा ही है. इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में भी उन्होंने वैसी ही पारी खेली.

उन्होंने बुधवार को कैंटरबरी के सेंट लॉरेंस ग्राउंड पर खेले गए मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 111 गेंदों में 18 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 143 रनों की पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी के दम पर सीरीज को भारत की झोली में डाल दिया.

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बड़े मैचों की खिलाड़ी 

हरमनप्रीत कौर बड़े मैचों में बड़ी पारियां खेलने के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी. जिसकी तुलना कपिल देव के 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई पारी से की जाती है.

इस साल कामनवेल्थ गेम्स के फाइनल मुकाबले में भी हरमनप्रीत ने 43 गेंदों में 65 रनों की शानदार पारी खेली थी. हालांकि, उनके अलावा किसी और बैटर का बल्ला नहीं चला और भारतीय टीम को हार सामना करना पड़ा था.

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