ICC वर्ल्ड कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मैच में भारत और न्यूजीलैंड आमने-सामने होंगे. मैनचेस्टर में होने वाला ये मैच इन दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप में 16 साल बाद पहला मैच होगा. हालांकि, इससे पहले इसी वर्ल्ड कप में दोनों टीमों की टक्कर होनी थी, लेकिन नॉटिंघम में होने वाला वो मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था.
अब ये किस्मत का ही खेल कहा जाए, कि दोनों टीमें एक बार फिर आमने-सामने हैं और मौका और भी बड़ा है. भारतीय टीम लगातार अच्छी फॉर्म में रही है, जबकि अच्छी शुरुआत के बाद न्यूजीलैंड की टीम लड़खड़ा गई थी.
भारत और न्यूजीलैंड ने इससे पहले एक वॉर्म-अप मैच भी खेला था, जिसमें टीम इंडिया धराशायी हो गई थी. हालांकि उससे पहले फरवरी में हुई वन-डे सीरीज में भारत ने न्यूजीलैंड को उसके घर में ही धोया था.
अगर दोनों टीमें अपनी प्लेइंग इलेवन में ज्यादा बदलाव नहीं करती, तो इन खिलाड़ियों के बीच होने वाला मुकाबला इस मैच का रुख तय करेगा.
रोहित vs ट्रेंट बोल्ट
रोहित शर्मा इस वर्ल्ड कप के सबसे बड़े स्टार बनकर उभरे. एक के बाद एक कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. इसलिए उनसे पार पाना फिलहाल किसी गेंदबाज के लिए आसान नहीं होगा. एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 5 शतकों का रिकॉर्ड बनाने वाले रोहित रनों के रिकॉर्ड के भी करीब पहुंच चुके हैं.
इसके बावजूद न्यूजीलैंड के खतरे को कम नहीं किया जा सकता. खासतौर पर ट्रेंट बोल्ट, जो शुरू से ही उन पर हावी हो सकते हैं. मैनचेस्टर में बारिश होने की आशंका है और अगर मंगलवार को ऐसा हुआ या सिर्फ बादल छाए रहते हैं, तो बोल्ट की स्विंग रोहित पर भारी पड़ सकती है.
रोहित सेटल होने में वक्त लेते हैं और इसलिए बोल्ट की अंदर आती हुई गेंद को खेलने में दिक्कत हो सकती है. प्रैक्टिस मैच में और पिछली वनडे सीरीज में भी दिखा था कि बोल्ट की इन-स्विंग को खेलने में रोहित को परेशानी हुई थी. वैसे भी रोहित का न्यूजीलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड औसत ही है.
मार्टिन गुप्टिल vs भुवनेश्वर कुमार
इन दोनों के बीच अच्छा मुकाबला दिखेगा. मार्टिन गुप्टिल बल्ले पर तेजी से आती गेंद को अच्छा खेलते हैं, लेकिन स्विंग के सामने परेशानी दिखती है. भुवी गति में परिवर्तन के साथ गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकते हैं.
ये परेशानी भारतीय टीम के न्यूजीलैंड दौरे के वक्त भी दिखी थी. जहां भुवी के सामने गुप्टिल प्रभावी नहीं दिखे. इस सीरीज में भुवी ने गुप्टिल को 3 बार आउट किया था.
वर्ल्ड कप में मार्टिन गुप्टिल का रिकॉर्ड काफी अच्छा है, लेकिन उनकी हालिया फॉर्म ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकी है. भुवनेश्वर इसका फायदा उठा सकते हैं.
कोहली vs फर्ग्यूसन
ये एक मजेदार मुकाबला हो सकता है. फर्ग्यूसन न्यूजीलैंड टीम के सबसे तेज गेंदबाज हैं. वो इस स्पीड का इस्तेमाल कई बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए कर सकते हैं, लेकिन विराट कोहली से सामना होने पर हालात वैसे नहीं रहेंगे.
कोहली तेज गेंदबाजों को अच्छा खेलते हैं. ऐसे में फर्ग्यूसन के पास कोहली को रोकने के लिए स्पीड के अलावा और क्या विकल्प रहेंगे ये देखने लायक होगा. हालांकि वो स्पीड के साथ बाउंस का इस्तेमाल कर कोहली को चौंका सकते हैं, जैसा हमने साउथ अफ्रीका और भारत के मैच में देखा, जहां कोहली अचानक तेजी से आई उछाल भरी गेंद पर आउट हुए.
बोल्ट और मैट हेनरी की मौजूदगी में फर्ग्यूसन फर्स्ट चेंज गेंदबाज के तौर पर उतरते हैं. ऐसे में संभावना है कि अगर भारतीय ओपनर शुरुआती 10 ओर निकालते हैं और फिर कोई विकेट गिरता है, तो फर्ग्यूसन और कोहली का आमना-सामना होगा.
रॉस टेलर vs युजवेंद्र चहल
रॉस टेलर न्यूजीलैंड के सबसे अनुभवी बल्लेबाज हैं. इसके साथ ही उनका भारत के खिलाफ रिकॉर्ड भी अच्छा है. टेलर ने भारत के खिलाफ 1100 से ज्यादा रन भी बनाए हैं. ऐसे में उन पर इस मैच में काफी कुछ निर्भर करेगा.
रॉस टेलर स्पिन के भी अच्छे खिलाड़ी हैं. लेकिन उनके सामने चहल मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. वो इसलिए क्योंकि अक्सर टेलर बड़ा शॉट मारने के बाद उसको दोहराने की कोशिश करते हैं. इस मामले में चहल कारगर हो सकते हैं. चहल की खासियत ये है कि कभी भी बड़े शॉट पड़ने से घबराते नहीं हैं और उसके बावजूद बल्लेबाज को ललचाते हैं. चहल फ्लाइट, स्पीड और गुगली का अच्छा इस्तेमाल करते हैं, जो रॉस टेलर को चकमा देने में प्रभावी हो सकते हैं.
हालांकि, टेलर का आक्रामक रुख चहल के लिए भी एक चुनौती रहेगी. चहल के लिए रिस्क फैक्टर यहां पर बढ़ जाएगा. इसलिए ये देखना बेहद रोचक होगा कि दोनों में से कौन कम रिस्क लेकर ज्यादा बेहतर नतीजे देता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)