कहने को तो बहुत सारे लोग इस फॉर्मेट से ही नाराज हैं कि एक टीम के प्वाइंट टेबल में 18 अंक हैं और दूसरी के 12, लेकिन फाइनल में पहुंचने के लिए दोनों को आपस में भिड़ना होगा. बावजूद इसके अब नियम तो नियम है. प्लेऑफ का नियम कहता है कि दिल्ली को अगर इस सीजन में आईपीएल इतिहास का अपना पहला फाइनल खेलना है तो उसे पहले सनराइजर्स हैदराबाद को और फिर चेन्नई सुपरकिंग्स को हराना होगा.
ये ‘टास्क’ कहीं से आसान नहीं है लेकिन दिल्ली कैपिटल्स की टीम इस सीजन में इतिहास बदलने के इरादे से उतरी है, जिसकी शुरुआत उन्होंने सीजन में अपनी टीम का नाम दिल्ली डेयरडेविल्स से बदलकर दिल्ली कैपिटल्स करके कर दी थी.
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दिल्ली की टीम में मैदान में उतरने के लिए शिखर धवन, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज हैं. कगिसो रबाडा के जाने से गेंदबाजी थोड़ी कमजोर जरूर हुई है, लेकिन दिल्ली के पास डगआउट में दो ऐसे दिग्गज खिलाड़ियों के दिमाग हैं, जिन्होंने अपनी-अपनी टीमों की सूरत बदली है.
भारतीय क्रिकेट में सौरव गांगुली की कप्तानी को लेकर बहुत कुछ लिखा जा चुका है. रिकी पॉन्टिंग उस दौर में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे, जिस दौर में कंगारुओं की तूती बोलती थी. जाहिर है इन दोनों दिग्गजों के ‘इनपुट’ टीम के काम आएंगे. पहले सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ इस सीजन के मुकाबलों की बात करते हैं.
हैदराबाद के मुकाबले दिल्ली की टीम लीग मैचों के दूसरे दौर में ज्यादा असरदार दिखाई दी. पहले सात मैचों में उसे सिर्फ 3 मैचों में जीत मिली थी, जबकि आखिरी सात लीग मैचों में उसने पांच मैचों में जीत हासिल की. इससे उलट हैदराबाद की टीम का प्रदर्शन पहले दौर में ज्यादा बेहतर था.
डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो के जाने के बाद हैदराबाद की टीम मुश्किल में दिखाई दी. हैदराबाद ने दोनों दौर में 3-3 मैच ही जीते लेकिन वॉर्नर और बेयरस्टो के जाने के बाद की जीत बड़ी मुश्किल जीत रही. वो तो कोलकाता नाइट राइडर्स की किस्मत खराब थी कि वो आखिरी लीग मैच हार गई वरना हैदराबाद की टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर थी. खैर ‘अंत भला तो सब भला’ की रणनीति पर पर एक बार फिर हैदराबाद की टीम अपनी ताकत दिखाने के लिए उतरेगी.
दिल्ली के लिए ये सीजन इसलिए बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि वो आईपीएल के इतिहास की सबसे फिसड्डी टीमों में गिनी जाती है. पहले दोनों सीजन में दिल्ली की टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर जरूर तय किया था, लेकिन उसके बाद से उनका प्रदर्शन पटरी से लगातार उतरता चला गया. 2013 से लेकर अब तक दिल्ली का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. उसकी स्थिति देखिए
इससे उलट सनराइजर्स हैदराबाद की टीम 2016 में इस खिताब पर कब्जा कर चुकी है. हैदराबाद और दिल्ली के मुकाबले में इस बात का बड़ा असर दिखेगा कि देसी खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं. एक टीम के मुख्य विदेशी बल्लेबाज चले गए और दूसरे के मुख्य विदेशी गेंदबाज. दिल्ली के लिए राहत की बात ये है कि उसके तीनों मुख्य बल्लेबाज शिखर धवन, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत देसी हैं और अच्छी फॉर्म में भी हैं.
तीनों ने इस सीजन में 400 से ज्यादा रन बटोरे हैं. इससे उलट हैदराबाद के पास डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो के बाद ले-देकर मनीष पांडे हैं, जिन्होंने इस सीजन में कुछ अच्छी पारियां खेली हैं. प्वाइंट टेबल में 18 अकों और 12 अंको का फर्क दिल्ली कैपिटल्स को दिखाना होगा.
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