आईपीएल की इस कहानी में देश के पूर्व प्रधानमंत्री और लोकप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी का एक जुमला बताना बहुत जरूरी है. यह कहानी जुलाई 1995 की है. देश में अगले साल आम चुनाव होने थे. भारतीय जनता पार्टी में कुछ लोग ऐसे थे जो चाहते थे कि चुनाव आडवाणी जी के नेतृत्व में लड़ा जाए क्योंकि मंदिर आंदोलन की वजह से उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी.
उन्हीं दिनों वाजपेयी जी का एक जुमला बड़ा हिट हुआ था. उन्होंने अपने खास अंदाज में कहा था कि ना मैं ‘टायर्ड’ हूं और ना ‘रिटायर’.
बाद में आडवाणी जी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अटल जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी. चुनावों के बाद अटल जी प्रधानमंत्री बने थे. आईपीएल के इस सीजन में भी कुछ खिलाड़ी अटल जी के जुमले पर खरे उतरे हैं.
इन खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भले ही लंबे समय से नहीं खेला है, इनकी उम्र भले ही अच्छी खासी हो चुकी है लेकिन इन्होंने मैदान में दिखाया कि वो ना टायर्ड हैं और ना रिटायर. इसमें देसी और विदेशी दोनों खिलाड़ी शामिल हैं. इन सभी खिलाड़ियों की टीमें प्लेऑफ में पहुंच चुकी हैं. लिहाजा अभी आपको इनका एक्शन और देखने को मिलेगा.
वो दिग्गज जो ना टायर्ड हैं और ना रिटायर
ऐसे खिलाड़ियों में आप हरभजन सिंह, लसिथ मलिंगा, अमित मिश्रा, ईशांत शर्मा, इमरान ताहिर और शेन वॉटसन जैसे खिलाड़ियों को रख सकते हैं. इस लिस्ट में से शेन वॉटसन को छोड़ दें तो कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं है जिसने रिटायरमेंट लिया हो. लेकिन ये भी सच है कि इनमें से सभी खिलाड़ी लंबे समय से अपनी अपनी नेशनल टीम से बाहर हैं. इमरान ताहिर अपवाद हैं. आपको इन खिलाड़ियों की उम्र बताते हैं.
लगे हाथ आपको ये भी बताते हैं कि इन खिलाड़ियों ने अपने देश के लिए आखिरी बार कब वनडे या टी-20 मैच खेला था. इस मामले में लसिथ मलिंगा और इमरान ताहिर तो अपनी नेशनल टीमों का भी हिस्सा रहे हैं लेकिन तीन दिग्गज भारतीय खिलाड़ी लंबे समय से मैदान से दूर हैं.
अब आपको ये भी बताना जरूरी है कि इस सीजन में इन उम्रदराज खिलाड़ियों के प्रदर्शन की इतनी तारीफ क्यों हो रही है. इस सीजन के ये आंकड़े देखिए-
दिलचस्प बात ये है कि चेन्नई, मुंबई और दिल्ली तीनों ही टीमें प्लेऑफ में जगह बना चुकी हैं. ये तीनों ही प्वाइंट टेबल की पहली तीन टीमें हैं. प्लेऑफ मुकाबले मंगलवार से शुरू होंगे. मुंबई और चेन्नई की टीमों को फाइनल में जगह बनाने के लिए दो-दो मौके मिलेंगे. यानी अभी ये दिग्गज खिलाड़ी कुछ और दिन मैदान में दिखाई देंगे. इनकी कोशिश भी यही होगी कि अपने प्रदर्शन से लगातार ये संदेश देते रहें कि ना तो ये ‘टायर्ड’ हैं और ना ‘रिटायर्ड’.
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