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IPL 2019 FINAL:‘कॉपी कैप्टन कूल’ और ‘असली कैप्टेन कूल’ में कौन आगे

दोनों टीमों के पास जीत का चौका लगाने का मौका

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आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका क्रिकेट के दीवानों को लंबे समय से इंतजार था. आईपीएल में रविवार को दो ऐसी टीमों के बीच खिताबी जंग होने होने जा रही है, जो लीग मैचों के बाद प्वाइंट्स टेबल में भी पहले और दूसरे नंबर पर थीं. दोनों टीमों ने अब तक ये खिताब तीन-तीन बार जीता है. दोनों ही टीमों के पास देसी और विदेशी स्टार खिलाड़ियों की भरमार है. दोनों ही टीमों में ऐसे खिलाड़ी हैं, जो मैच को किसी भी मोड़ से पलटने की कुव्वत रखते हैं.

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दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही टीमों ने जो तीन-तीन खिताब जीते हैं, वो मौजूदा कप्तानों की अगुवाई में ही जीते हैं. बावजूद इसके दोनों टीमों के बीच एक बहुत बड़ा फर्क है. वो फर्क है कप्तानों की कप्तानी के अंदाज का. एक असली कैप्टन कूल है और दूसरा कैप्टन कूल की कॉपी.

एक तरफ धोनी हैं दूसरी तरफ रोहित शर्मा. रोहित की कप्तानी में बहुत सारी बातें धोनी जैसी ही हैं. जो उन्होंने धोनी से ही सीखी भी हैं. लंबे समय तक वो टीम इंडिया के लिए धोनी की कप्तानी में ही खेले हैं. लिहाजा वो उनकी आदतों को ‘कॉपी’ भी करते हैं.

रोहित शर्मा मैच को आसान बनाकर खेलते हैं. बड़े से बड़े मैच को ज्यादा ‘कॉम्‍प्‍लीकेटेड’ नहीं बनाते. आज लड़ाई बड़ी है. आज इस बात का इम्तिहान भी है कि मैदान में अपनी भावनाओं को काबू रखने के मामले में उन्होंने धोनी की कॉपी जरूर की, लेकिन क्या अब वो उनकी बराबरी पर पहुंच गए हैं या कहीं उनसे आगे तो नहीं निकल गए हैं?

आप अगर ये सोच रहे हैं कि कप्तानी के मामले में रोहित शर्मा के धोनी से आगे निकलने का तो सवाल ही नहीं उठता, तो हम आपको याद दिला दें कि इस सीजन में अब तक मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच तीन मैच खेले गए हैं. ये तीनों के तीनों मैच मुंबई इंडियंस ने जीते हैं. ये आंकड़े याद कीजिए.
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बात सिर्फ इस सीजन की ही नहीं है. खिताबी टक्कर के मामले में भी ये दोनों टीमें तीन बार आमने सामने हुई हैं. वहां भी पलड़ा मुंबई का ही भारी है. चेन्नई ने 2010 में पहली बार मुंबई को हराकर ही चैंपियन का खिताब जीता जरूर था, लेकिन तब मुंबई इंडियंस की कप्तानी सचिन तेंदुलकर किया करते थे. इसके बाद अगली बार 2013 में जब मुंबई और चेन्नई की टीमें फाइनल में आमने सामने हुईं तो रोहित शर्मा मुंबई की कमान संभाल चुके थे.

उनकी कप्तानी में मुंबई ने चेन्नई को 23 रनों से हराकर खिताब जीता था. ठीक दो साल बाद 2015 में फिर यही टीमें फाइनल में पहुंचीं. ऐसा लगा कि इस बार धोनी की कप्तानी भारी पड़ेगी लेकिन रोहित शर्मा ने इन उम्मीदों को फिर तोड़ा. उन्होंने फाइनल में अपनी टीम को 41 रनों के बड़े अंतर से जीत दिलाई और अपनी टीम को चैंपियन बनाया.

2017 में भी जब मुंबई की टीम ने खिताब जीता था, तब फाइनल में हार और जीत का अंतर सिर्फ एक रन था. जो ये बताने के लिए काफी है कि मैच में आखिरी मिनट तक रोहित शर्मा किस तरह अपनी भावनाओं को काबू में रखते हैं.

2019 का फाइनल शायद दो लिहाज से अलग है, एक तो धोनी की टीम मौजूदा चैंपियन है. दूसरा ये शायद धोनी का आखिरी आईपीएल है. अपनी ‘ ओरिजिनल कैप्टेन कूल’ की छवि को वो भी बरकरार रखना चाहेंगे.

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