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विराट के ‘लकी’ और ‘अनलकी’ कप्तान बनने में गेंदबाजों का रोल

विराट कोहली आरसीबी में अच्छे गेंदबाजों की कमी से जूझ रहे हैं

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विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर आज जब दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो हर तरफ एक ही चर्चा होगी. क्या विराट कोहली की टीम इस सीजन के अपने छठे मैच में जीत का मुंह देखेगी या एक और हार के साथ वो ‘प्लेऑफ’ की रेस से लगभग बाहर हो जाएगी?

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आप ही सोचिए, वो कप्तान जिसने पिछले दो साल में भारत को कामयाबी के एक से बढ़कर एक मुकाम दिखाए वो आईपीएल में फ्लॉप क्यों है? वो कप्तान जिसकी कप्तानी में पिछले साल भारत ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया वो कप्तान लगातार पांच मैच कैसे हार सकता है? 2018 में लिमिटेड ओवर क्रिकेट में परचम लहराने वाली टीम का कप्तान आईपीएल में इतना बेबस क्यों दिख रहा है?

सारी की सारी कहानी गेंदबाजों के प्रदर्शन से जुड़ी हुई है. वो विराट कोहली जो गेंदबाजों के मामले में टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर सबसे ‘लकी’ हैं. जिनके पास आधुनिक क्रिकेट में भारत का सबसे बेहतरीन बॉलिंग यूनिट है. वही विराट कोहली आरसीबी के कप्तान के तौर पर अच्छे गेंदबाजों की कमी से बुरी तरह जूझ रहे हैं. उनकी टीम के गेंदबाजों में से किसी में मैच जिताने का माद्दा नजर नहीं आ रहा है.  

कमजोर गेंदबाजी ने दिया विराट को झटका

पहले ये समझ लेते हैं कि टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर विराट कोहली के पास जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शामी, यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव हैं. वनडे क्रिकेट में जसप्रीत बुमराह इस समय आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक गेंदबाज हैं. कुलदीप यादव टी-20 फॉर्मेट में पांचवे नंबर के गेंदबाज हैं.

इससे उलट आरसीबी में विराट के पास सिर्फ यजुवेंद्र चहल हैं. यजुवेंद्र चहल इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में सबसे आगे हैं. चहल अब तक 5 मैचों में 9 विकेट ले चुके हैं. लेकिन चहल के अलावा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बाकी गेंदबाजों ने निराश किया है.

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सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में चहल के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के किसी भी गेंदबाज का नाम खोजने से ही शायद कहीं मिलेगा. इस सीजन में बैंगलोर के लिए लगातार खेल रहे गेंदबाजों में यजुवेंद्र चहल को छोड़कर बाकी चार गेंदबाजों के आंकड़े देख लेते हैं

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RCB में रन रोकना किसी को नहीं आता

विराट कोहली के गेंदबाजों की बड़ी दिक्कत ये है कि किसी भी गेंदबाज को विपक्षी टीम के रनों की रफ्तार पर अंकुश लगाना नहीं आता. यजुवेंद्र चहल के उदाहरण से इस बात को समझते हैं. मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में युवराज सिंह ने भले ही चहल को लगातार तीन छक्के मारे लेकिन चहल ने अपनी गेंदबाजी की आक्रामकता को कम नहीं किया. आखिरकार उन्होंने युवराज को आउट किया. टीम इंडिया में चहल का यही रोल है. वो भले ही महंगे साबित हों, लेकिन टीम इंडिया की दरकार होती है कि वो विकेट निकाल कर दें.

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की परेशानी ये है कि हर गेंदबाज यजुवेंद्र चहल की ‘मेंटेलिटी’ से ही गेंदबाजी करता है यानि हर गेंदबाज विकेट लेने के लिए गेंदबाजी करता है. विकेट लेने की चाहत से गेंदबाजी करना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन टीम में ऐसे गेंदबाज भी होने चाहिए जो रनों की रफ्तार पर अंकुश लगा सकें.

आरसीबी ने अपना पिछला मैच स्कोरबोर्ड पर 200 से ज्यादा रन जोड़ने के बाद भी गंवा दिया था. आज दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ और किसी का नहीं, सिर्फ और सिर्फ विराट कोहली के गेंदबाजों का इम्तिहान है.

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