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NewsClick को भारत विरोधी फंड देने का आरोप झेल रहे नेविल रॉय सिंघम कौन हैं?

NewsClick ने ताजा आरोपों पर क्या कहा है? पोर्टल के खिलाफ हुई ED की जांच में क्या मिला था?

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार, 7 अगस्त को The New York Times की एक रिपोर्ट आने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर हमला किया. इस रिपोर्ट में भारतीय समाचार वेबसाइट NewsClick को फाइनेंस करने वाले नेविल रॉय सिंघम (Neville Roy Singham) और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संबंधों का आरोप लगाया गया. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हम NewsClick के बारे में यह कहते रहे हैं. यह भारत को तोड़ने का प्रचार है. इस मोहब्बत की दुकान में चीन का समान है.

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The New York Times की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि

नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने दुष्प्रचार को बढ़ावा दिया और चीन समर्थक संदेशों को बढ़ावा देकर मुख्यधारा के नैरेटिव को प्रभावित किया.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत में, न्यूजक्लिक पर पांच दिनों तक छापेमारी की गई थी. मैं आज फंडिंग की सारी जानकारी साझा करूंगा. सिंघम ने न्यूजक्लिक को फाइनेंस किया और उन्हें चीन द्वारा फंड दिया जा रहा है और यह बात एक अखबार ने बताई है जिसकी बीते दिनों में कांग्रेस ने प्रशंसा की थी.

कौन हैं नेविल रॉय सिंघम?

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से ताल्लुक रखने वाले नेविल रॉय सिंघम का जन्म 13 मई 1954 को US हुआ था. वो वामपंथी एकेडमिक आर्चीबाल्ड सिंघम (Archibald Singham) के पुत्र हैं. सिंघम के पिता का जन्म बर्मा में उनके श्रीलंकाई माता-पिता के यहां हुआ था और उन्होंने 1991 में अपने निधन तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क (City University of New York) के ब्रुकलिन कॉलेज (Brooklyn College) में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया.

नेविल रॉय सिंघम शिकागो की सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी थॉटवर्क्स (ThoughtWorks) के फाउंडर और पूर्व अध्यक्ष हैं.

नेविल रॉय की LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक उन्होंने 1993 से 2017 तक करीब 24 सालों तक कंपनी में काम किया, उसके बाद इसको बेच दिया. उनके पास अमेरिका स्थित हावर्ड विश्वविद्यालय (Howard University) से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री है और उन्होंने मिशिगन विश्वविद्यालय (University of Michigan) में भी पढ़ाई की है.

साल 2016 में, नेविल रॉय सिंघम ने पूर्व डेमोक्रेटिक राजनीतिक सलाहकार और कोड पिंक (Code Pink) की को-फाउंडर एक्टिविस्ट जोडी इवांस (Jodie Evans) से शादी की.

NYT की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कभी चीन का कट्टर आलोचक रहा Code Pink हाल के दिनों में उसका डिफेंडर बन गया है और इसके रुख में हुए कथित बदलाव को नेविल रॉय सिंघम के फंडिंग नेटवर्क से जोड़कर देखा जा रहा है.

मौजूदा वक्त में नेविल रॉय सिंघम चीन के शंघाई में टाइम्स स्क्वायर (Times Square) की 18वीं मंजिल पर एक ऑफिस स्पेस की मेजबानी करता है. NYT की रिपोर्ट में दावा किया गया कि उनके नेटवर्क का एक आउटलेट शहर के प्रोपेगैंडा डिपार्टमेंट द्वारा आंशिक रूप से वित्तपोषित एक YouTube शो को Co-Produce कर रहा है.

69 वर्षीय करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को "दूर-वामपंथी फायदों के समाजवादी हितैषी" के रूप में वर्णित किया गया है और उन पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगैंडा आर्म के साथ सीधे संपर्क रखने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल बताती है कि वो इन कार्यों से रिटायर हो चुके हैं.

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NewsClick कैसा पोर्टल है? ED की जांच में क्या मिला था? 

2009 में शुरू हुआ NewsClick "एक स्वतंत्र मीडिया ऑर्गनाइजेशन है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक यह पोर्टल पिछले कुछ सालों में, भारत के कई लोगों के आंदोलनों और संघर्षों की तारीख को अच्छे ढंग से नोट करने वाले क्रोनिकल्स में से एक बन गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साल 2021 में विदेशी फंडिंग को लेकर नई दिल्ली स्थित न्यूजक्लिक की जांच शुरू की थी.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने "कथित तौर पर कुल 30.51 करोड़ रुपये के विदेश से आए फंड" के संबंध में न्यूजक्लिक के कार्यालयों और इसके निदेशकों के आवासों पर छापा मारा. इस जांच के दायरे में दानकर्ता थे, जिनमें वे कंपनियां भी शामिल थीं, जिन्हें NYT ने अपनी रिपोर्ट में सिंघम और चीनी राज्य से जोड़ा.

Express की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने 2021 में बताया था कि

विदेशी फंड की सबसे बड़ी किश्त (कुल 19.76 करोड़ रुपये) “Justice & Education Fund Inc” से की गई थी. NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सिंघम द्वारा वित्त पोषित गैर-लाभकारी संस्थाओं में से एक है.

सितंबर 2021 में NewsClick सहित दो समाचार पोर्टलों के परिसरों पर आयकर सर्वे किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण कथित टैक्स चोरी से संबंधित थे.

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ताजा आरोपों पर NewsClick ने क्या कहा है?

हाल में लगे आरोपों पर NewsClick के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ ने पोर्टल द्वारा जारी किए गए एक स्टेटमेंट में कहा कि पिछले कुछ घंटों में, न्यूजक्लिक के खिलाफ तमाम तरह के झूठे और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं, जो उन मामलों से संबंधित हैं, जो मौजूदा वक्त में भारत में अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं. हम कानूनी प्रक्रिया की पवित्रता का सम्मान करते हैं और मीडिया ट्रायल में शामिल होने का इरादा नहीं रखते हैं. कुछ राजनीतिक एक्टर्स और मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा हमारे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप निराधार और तथ्य या कानून के आधार से अलग हैं.

न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र न्यूज ऑर्गनाइजेशन है, और ऐसा कोई भी आरोप कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के माउथपीस के रूप में कार्य करते हैं, गलत है. हम भारतीय न्यायालयों में अपना विश्वास दोहराते हैं और आश्वस्त हैं कि न्यूजक्लिक भारतीय कानून के मुताबिक काम करता रहा है और करता रहेगा.
प्रबीर पुरकायस्थ, एडिटर इन चीफ, NewsClick

उन्होंने आगे कहा कि माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक के पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए कंपनी के विभिन्न अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है. इसके अलावा, एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (स्पेशल एक्ट्स), दिल्ली ने न्यूजक्लिक के खिलाफ इनकम टैक्स अधिकारियों द्वारा दायर एक शिकायत को खारिज कर दिया है.

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