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जैकलीन को अमित शाह के दफ्तर के नंबर से कॉल कर फंसाया,समझिए क्या है स्पूफ कॉलिंग?

स्पूफ कॉलिंग का मतलब ही है कि इसे पहचानना नामुमकिन है इसलिए इसे पहचानने या रोकने के लिए कोई एंटी वायरस नहीं है.

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित अपनी चार्जशीट में बताया है कि जैकलीन को सुकेश चंद्रशेखर नाम के एक ठग ने "स्पूफ" किया था. ईडी ने कहा कि ठग ने फर्जी फोन कॉल करके फर्नांडिस को ये विश्वास दिलाया कि ये फोन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से आया है और ऐसा कर के ठग जैकलीन का दोस्त बन गया.

स्कैमर्स कई बार स्पूफ कॉलिंग कर ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं. लेकिन क्या होता है स्पूफ कॉल (Spoof Calling) करना, ये कैसे किया जाता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं.

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ऐप्स के जरिए की जाती है कॉल

स्पूफ कॉलिंग के लिए ऐसे कई ऐप आते हैं जिसके द्वारा स्पूफ किया जा सकता है. इसमें होता ये है कि उस ऐप में आप जिसका मोबाइल नंबर और नाम डालेंगे वही नाम और नंबर कॉल रिसीव करने वाले को दिखेगा.

यानी वास्तविक नाम और मोबाइल नंबर को छिपाकर किसी और व्यक्ति का नाम और नंबर इसमें अपलोड कर सकते हैं. कॉल करने वाला कोई और नंबर किसी और का.

इसमें आवाज बदलने के साथ ही कई तरह के फीचर भी अब आ रहे हैं. स्पूफ कॉलर जब किसी को फोन लगाएगा तो उस व्यक्ति के फोन पर अपलोड किया नाम और फोन नंबर दिखेगा. इससे टारगेट पर लिया व्यक्ति पूरे समय कन्फ्यूज रहेगा.

दुनियाभर में क्राइम को अंजाम देने के लिए स्पूफ कॉलिंग की जाती है. इसकी मदद से दुनिया में किसी भी जगह पर बैठा आदमी अगर दुनिया के दूसरे कौने में फोन लगाएगा फिर भी फोन रिसीव करने वाले को इंटरनेशनल कॉल जैसे कोई संकेत नहीं मिल पाएंगे.

अपराध करने वाले तो इसका इस्तेमाल करते ही हैं, लेकिन अपराध को रोकने वाले यानी कानून भी इसका इस्तेमाल कर कई बड़े अपराधों को होने से रोक सकता है. हालांकि पुलिस भी अगर इसका इस्तेमाल करती है तो उसे इसके इस्तेमाल करने का स्पष्ट कारण देना होता है. हर मामले में इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता.

कई देश इससे निपटने के लिए शोध कर रहे हैं. भारत में स्पूफ कॉलिंग पूरी तरह से बैन है. इसे डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेश ने इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया है.

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स्पूफ कॉलिंग का शिकार होने से कैसे बच सकते हैं? 

स्पूफ कॉलिंग का मतलब ही है कि इसे पहचानना नामुमकिन है, इसलिए इसे पहचानने या रोकने के लिए कोई एंटी वायरस नहीं है. इसका एक ही इलाज है कि (Unknown) वो नंबर जो आपके मोबाइल में सेव नहीं है उसे नजरअंदाज करें.

अगर कोई व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा है तो देने से पहले सोचें, अगर सामने वाला कोई नंबर दबाने को कहता है तो तुरंत कॉल कट कर दें. ध्यान रखें आपसे कोई भी बैंक या कंपनी ओटीपी नहीं मांगती. कोई बड़ा अफसर या सरकारी एजेंसी या फिर कंपनी से कॉल करता है तो एक बार उसका नंबर संबंधित वेबसाइट पर जाकर मिलान कर लें.

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