वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम
“तुम लोग (मुस्लिम) इस बीमारी को फैलाने वाले लोग हो.” कर्नाटक के बगलकोट जिले में दो मुस्लिम शख्स पर लाठी-डंडों से हमला करते हुए लोगों का एक झुंड कह रहा था. ये पिछले एक सप्ताह में कर्नाटक में मुसलमानों पर किए गए कई हमलों में से एक था.
वायरल हुए एक वीडियो में, बगलकोट के रबकवी बनहट्टी तालुक के बिदरी गांव के करीब 10 से 15 निवासी दो मुस्लिम शख्स को घेरे हुए दिखते हैं, जो लाठी और लोहे की छड़ों से लैस हैं. निवासियों को ये कहते हुए सुना जा सकता है: "तुम लोग (मुस्लिम) वही हो जो इस बीमारी को फैला रहे हैं ... इन्हें मत छुओ. ये बीमारी फैलाने वाले लोग हैं."
कैमरे में कैद हुई हमले की इस घटना का वीडियो आठ मिनट से ज्यादा लंबा है, जिसमें तीन पीड़ित हाथ जोड़कर खड़े दिखते हैं, दया की गुहार करते हुए. मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है क्योंकि कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
उसी जिले के कडकोरप्पा गांव में हुई एक अन्य घटना में, गुंडों ने कथित रूप से एक मस्जिद में घुसकर वहां नमाज पढ़ रहे लोगों पर हमला किया.
5 अप्रैल की रात, ‘9 बजे 9 मिनट’ कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के अपील करने के बावजूद लाइट जलाए रखने को लेकर बेलागवी में दो मस्जिदों पर हमला किया गया. हमलावरों ने मस्जिद में घुसकर लाइट बंद करने की मांग की. बताया जा रहा है कि पुलिस ने दोनों घटनाओं के सिलसिले में 20 अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में, फंसे हुए प्रवासियों- श्रमिकों को खाना बांटने के दौरान स्वराज अभियान के कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर क्रिकेट बैट के साथ हमला किया गया.
“हम पुलिस की इजाजत से काम कर रहे हैं. लेकिन आज (सोमवार, 6 अप्रैल), वे (गुंडे) हमारे पीछे आए और बैट से हमें मारा. उन्होंने कुछ भी नहीं कहा उन्होंने मुझे हाथ और सिर पर मारा.” कार्यकर्ताओं में से एक सैयद तबरेज ने द क्विंट को बताया.
“उन्होंने हमें बताया कि हमें खाना बांटने की इजाजत नहीं है, कि हम सभी निजामुद्दीन से हैं. उन्होंने कहा कि वायरस हमारी वजह से फैल रहा है और हम खाना नहीं बांट सकते. तब पुलिस ने हमारा साथ दिया और कहा कि हम खाना बांट सकते हैं.” हमले से कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी कैडर के साथ पहले के टकराव को याद करते हुए तबरेज ने बताया.
वहीं मंगलुरू के सेकेंड कोल्या में, पोस्टर लगाया गया जिसपर लिखा था, “कोल्या, कनीरटोटा के नागरिकों के हित में, किसी भी मुस्लिम व्यापारी को गांव में तब तक जाने की इजाजत नहीं है, जब तक कि कोरोना वायरस का प्रकोप है. हस्ताक्षरित: सभी हिंदू, सेकेंड कोल्या.”
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