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चुनाव ट्रैकर 15: UP में ‘गाय, गन्ना, गोत्र’ का मुद्दा कितना बड़ा? 

चुनावी खबरों का सटीक एनालिसिस संजय पुगलिया के साथ

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चुनाव ट्रैकर के 15वें एपिसोड में हम आपके सामने हैं, तो तैयार हो जाइए आज के चुनावी डोज के लिए. जैसे-जैसे 23 मई की तारीख नजदीक आ रही है सभी की धड़कने तेज हो रही है. सभी अपने-अपने हिसाब -किताब में जुट गए हैं. दोनों तरफ के लोग सरकार बनाने की जुगत में हैं. बंगाल में बाहरी बनाम बंगाली की लड़ाई हो रही है तो पूर्वी यूपी में गाय, गन्ना और गोत्र को मुद्दा गरम हो रहा है.

बंगाल में बवाल

पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच मार-पीट की घटना हुई. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रही हैं. विद्यासागर कॉलेज में विद्यासागर की प्रतिमा को भी तोड़ा दिया गया. बीजेपी का कहना है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनको बदनाम करने के लिए ऐसा किया. वहीं टीएमसी का कहना है कि ये बीजेपी कार्यकर्ताओं का काम है. माहौल बहुत ज्यादा खराब हो गया है.

बंगाल ऐसा राज्य है जहां बीजेपी के तौर-तरीकों से ही ममता ने उनको जवाब देने की कोशिश की है.पश्चिम बंगाल में सिर्फ नौ सीटों पर वोटिंग बची हुई है.

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गाय,गन्ना और गोत्र

यूपी में गाय एक बड़ा मुद्दा है. गलियों में गाय ऐसे ही घूमते नजर आते हैं. बीजेपी सरकार के गोरक्षा अभियान की वजह से कोई भी बूढ़ी गायों को खरीदना नहीं चाहता है. ऐसी सभी गाय गोशाला में भी नहीं रखी गई है. इकनॉमी पर भी इसका असर पड़ा है.

यूपी में किसानों की भी हालत खराब है. किसानों को गन्ने का सही दाम नहीं मिल रहा है. किसानों का बहुत नुकसान हुआ है. लागत भी वसूल नहीं हुआ है. दूसरे अन्य फसल उगाने वाले किसानों के भी लगभग यही हालात हैं.

गोत्र का संदर्भ है जाति. समझने वाली बात ये है कि यूपी का चुनाव मंडल की ओर जा रहा है या कमंडल की ओर जा रहा है. अगर चुनाव जाति के आधार पर जा रहा है तो ये बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है.

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