ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘’अब सरकार में उतना योगदान नहीं दे पा रहा था इसलिए दिया इस्तीफा”

पूर्व वित्त सचिव ने क्यों लिया वॉलेंटरी रिटायरमेंट. सुनिए उनका इस पर क्या कहना है

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रियाटरमेंट से एक साल पहले ही वीआरएस लेने वाले पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि उन्हें लगा अब सरकार में उतना योगदान नहीं दिया जा सकता, इसलिए इस्तीफा दे दिया. क्विंट हिंदी से खास बातचीत में सुभाष गर्ग ने इकनॉमी की स्थिति और मंदी से निपटने के उपायों पर भी बात की...

सुभाष गर्ग को वित्त मंत्रालय से हटाकर बिजली सचिव बनाया गया था. सुभाष गर्ग ने कहा है कि वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में ट्रांसफर का उनके वीआरएस से कोई लेना-देना नहीं है. तबादला आदेश आने से पहले ही 18 जुलाई को उन्होंने PMO से VRS के बारे में चर्चा की थी.

बातचीत में सुभाष गर्ग ने इस बात से इंकार किया कि उन्हें सरकार से कोई शिकायत है. उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि उन्हें अपने ने काम करने के खूब मौके दिए और उन्होंने काफी कुछ सीखा. लेकिन जब लगे कि आप सरकार में रहने के बजाय बाहर जाकर बेहतर योगदान दे सकते हैं तो बाहर चल जाना चाहिए. हाल ही में दो नए अफसरों के नौकरी छोड़कर जाने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ इन्हीं दो लोगों ने इस्तीफा दिया हो. इसके अलावा भी कई यंग अफसरों ने इस्तीफा दिया है.

सिर्फ दो लोग नहीं, ऐसे बहुत सारे अधिकारी हैं जो वक्त से पहले इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन इसलिए नहीं कि ये लोग सरकार या किसी विचारधारा के खिलाफ हैं. दरअसल अब समय बदल रहा है. वो काबिल लोग हैं. चूंकि अब ज्यादा विकल्प हैं इसलिए की अफसर बेहतर करियर के लिए इस्तीफा दे रहे हैं.
सुभाष चंद्र गर्ग, पूर्व वित्त सचिव

सुभाष गर्ग ने बताया कि देश में आर्थिक मंदी है लेकिन ये शार्ट टर्म है. उन्होंने मंदी से निपटने के उपायों पर भी विस्तार से बातचीत की. गर्ग के मुताबिक मंदी से निपटने के लिए इंफ्रा सेक्टर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है और इसमें सरकारी से ज्यादा निवेश बढ़ाने की जरूरत है.

वित्तीय ढांचे में बदलाव लाने की जरूरत है. रिस्क कैपिटल लाने की जरूरत है...दुनिया में कैपिटल की भरमार है. हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि दुनिया का सस्ता कैपिटल यहां आए. अब भी कई सेक्टरों में सरकारी की मोनोपली है. इसे खत्म करना होगा. बुनियाद फेरबदल करने की जरूरत है. बड़े पैमाने पर निजीकरण की जरूरत है.
सुभाष चंद्र गर्ग, पूर्व वित्त सचिव

गर्ग के मुताबिक भविष्य डिजिटल इकनॉमी में है. पुराने सिस्टम में फंसे रहे तो हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे. पूर्व वित्त सचिव की सलाह है कि स्टार्टअप पर जोर देने से इकनॉमी में रफ्तार आएगी.

वित्त मंत्रालय में 58 वर्षीय गर्ग सबसे वरिष्ठ नौकरशाह थे. वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×