वीडियो एडिटर-आशुतोष भारद्वाज
इस लोकसभा चुनाव में गली-गली, गांव-गांव में बह रही सियासी बयार की स्पीड नापने और लोगों के मन की बात जानने के लिए क्विंट पहुंचा बिहार के सीवान. इस चुनाव और पहले के चुनाव में क्या-क्या बदला है, क्या मुद्दे हैं और किस तरह से वक्त के साथ राजनीति बदली है? इसे समझने के लिए क्विंट ने सीवान के बुजुर्गों के साथ चौपाल लगाई.
यहां के बुजुर्गों के मन में EVM को लेकर सवाल थे, तो धर्म के नाम पर वोट के बंटवारे पर चिंता. सीवान के 65 साल के राम नरेश कहते हैं-
पहले वोट गायब हो जाते थे, अब कहीं और चले जाते हैं, मतलब बैलेट पेपर के वक्त बैलेट बॉक्स गायब हो जाते थे, या उसे खराब कर दिया जाता था, लेकिन अब ईवीएम में वोट करते किसी और को हैं और वो मिल किसी और पार्टी को जाते हैं.राम नरेश, स्थानीय
लालू यादव के बिना बिहार का चुनाव
चौपाल में मौजूद कुछ बुजुर्ग लालू यादव के वक्त के चुनाव की चर्चा करते हैं उनके मुताबिक, लालू प्रसाद यादव के जेल में होने से फर्क पड़ेगा. मोहम्मद कयामुद्दीन कहते हैं कि लालू यादव का नाम है, उनके ना होने से फर्क तो पड़ेगा, लेकिन आरजेडी को उसका फायदा ही होगा. क्योंकि नीतीश कुमार लालू के साथ मिलकर 2017 का विधानसभा चुनाव जीते थे. लेकिन अब वो बीजेपी के साथ चले गए, इस बात से हम सब नाराज हैं, इसका नुकसान नीतीश कुमार को ही होगा.”
बता दें, बिहार में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 12 मई को सीवान में मतदान होना है. यहां दो बाहुबली नेताओं की बीवियां ताल ठोक रहीं हैं. राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने बाहुबली नेता और आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को मैदान में तीसरी बार उतारा है. उनके मुकाबले बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए ने जनता दल यूनाइटेड के बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया है. फिलहाल कविता जेडीयू की विधायक हैं.
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