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कोविड मौतों के लिए माफी मांगे सरकार- मनोज झा Exclusive

आरजेडी सांसद Manoj Jha से पेगासस, विपक्षी एकता, उत्तर प्रदेश चुनाव पर क्विंट की खास बातचीत.

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वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

'वैक्सीन लेने के बाद जो सर्टिफिकेट हमें मिलता है उस पर प्रधानमंत्री की तस्वीर है, मुझे इससे कोई गुरेज नहीं है, लेकिन अगर वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर आपकी तस्वीर है तो तथाकथित सिस्टम क नाकामी पर भी आपकी तस्वीर होनी चाहिए. फिर डेथ सर्टिफिकेट पर भी आपकी (पीएम) फोटो होनी चाहिए.'

कोरोना से हुई मौतों (Covid Deaths) पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान इमोशनल हुए आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा (Manoj Jha) ने पेगासस, विपक्षी एकता, उत्तर प्रदेश चुनाव पर क्विंट से खास बातचीत की. सांसद मनोज कुमार झा ने सरकार की आलोचना के साथ-साथ कोरोना की तीसरी लहर से बचाव को लेकर सुझाव भी दिए.

दरअसल, मनोज झा ने संसद में कोरोना के दौरान मरने वाले लोगों के लिए साझा माफीनामे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था, ‘उन लोगों की तरफ से माफी जिनकी मौत का भी सरकार संज्ञान नहीं ले रही है. हम सबको मिलकर उन्हेंं एक साझा माफीनामा भेजना चाहिए जिनकी लाशें गंगा में तैर रही थीं." इसी माफीनामे पर क्विंट ने मनोज झा से पूछा कि क्या माफी मांग लेना काफी है?

मनोज झा ने कहा,

‘माफी, काफी नहीं है. लेकिन एक संदेश जाताहै. देश शोकाकुल था. इस माफीनामे का मकसद ये था कि हमारी संवेदनाएं मरी नहीं हैं. एक महामारी ने हेल्थ सिस्टम की सच्चाई सामने ला दी है. देर हुई है लेकिन अब अंधेर न होने दें.

पेगासस मुद्दे का हाल क्या राफेल जैसा होगा?

मनोज झा जब हमने पत्रकारों और नेताओं के फोन टैपिंग और जासूसी को लेकर सामने आए पेगासस प्रोजेक्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'हम निगरानी में हैं. बाकी देशों में जांच हो रही है, यहां इन आरोपों को नकारा जा रहा है. सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या विपक्ष के लोग आतंकवाद को समर्थन करते हैं? क्या संघ के लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं? क्या भारत को रवांडा बनाना चाहते हैं?'

विपक्ष राफेल से लेकर पनामा जैसे मुद्दों पर टिका क्यों नहीं रहता है?

मनोज झा कहते हैं, विपक्ष एकजुट है, संसद में भी आवाज उठा रहा है, लेकिन विपक्ष की बात दिखाने वाले माध्यम पर सरकार का कंट्रोल है. दैनिक भास्कर ने कोरोना के दौरान सच दिखाया तो इनकम टैक्स का छापा पड़ा. दरअसल, राष्ट्र सुरक्षा का मुद्दा नहीं बल्कि सरकार असुरक्षित महसूस कर रही है.'

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