आज एक बार फिर रोहित को गुस्सा आ रहा है. गुस्सा इस बात पर कि हम पीएम मोदी की बातों में कैसे आ जाते हैं. हमने कुछ दिन पहले ही पूछा था कि ब्लैक होल की तस्वीर मोदीजी के 'मिशन शक्ति' की वजह से ही मुमकिन हो पाई? और अधिकतर लोगों को लगता है कि ये मोदी जी की मिशन शक्ति की वजह से ही हो पाया. पीएम मोदी हमारे सामने ऐसे और भी उदाहरण पेश कर रहे हैं.
पीएम मोदी के एक इंटरव्यू की क्लिप जमकर वायरल हो रही है. जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने 1987-88 में डिजिटल कैमरा और ई-मेल का इस्तेमाल किया था. पीएम मोदी के इस बयान को लेकर विपक्षी नेता भी जमकर मजे ल रहे हैं.
रोहित को गुस्सा आ रहा है ये सोचकर कि हम ऐसी बात पर भरोसा कैसे कर लेते हैं. हमें थोड़ा जागरूक होने की जरूरत है. हम सबकुछ नजरअंदाज क्यों कर देते हैं?
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