वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
पिछले दिनों के जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष देवबंद के मौलाना अरशद मदनी ने आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत से मुलाकात की. इन दोनों के बीच बातचीत की काफी चर्चा है. यह कयास लगाया जा रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि जमीयत के प्रमुख ने भागवत से मुलाकात की क्योंकि वह 2015 में आरएसएस को फासीवादी संगठन बता चुके थे. इसके अलावा देवबंद के मौलाना मदनी, मोदी सरकार के आलोचक भी रहे हैं. जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद मुसलमानों की 100 साल पुरानी संस्था है और इसका देश के मुसलमानों पर बड़ा असर है.
क्विंट से खास बातचीत में देवबंद के मौलाना मदनी ने बताया कि आरएसएस के अध्यक्ष के साथ डेढ़ घंटे चली उनकी बैठक कैसी रही, उस बैठक में क्या बातें हुईं और आरएसएस से उनकी उम्मीदें अब कैसी हैं.
दिल्ली में आरएसएस के मोहन भागवत के साथ आपकी बैठक कैसी रही?
मुझे तो इस बारे में पता भी नहीं था, कुछ लोग बोल रहे थे कि ‘क्या आप मोहन भगवत से मिलना चाहेंगे?’ मैंने सोचा ये अच्छा विचार है, मिल सकते हैं. भागवत जी का एक संगठन (RSS) है और बहुत मजबूत संगठन है. मुझे लगता है उनके जैसा भारत में कोई दूसरा नहीं है. वो मुझसे मिलने से इनकार कर सकते थे लेकिन उन्होंने मुझसे मुलाकात की और मुझे हिंट दी कि हम आगे भी मिलेंगे और बातचीत करेंगे.
आरएसएस की मूल विचारधारा है कि ये हिन्दू राष्ट्र हो, मोहन भागवत ने इस बारे में कई भाषण दिए हैं, क्या आप उनसे सहमत हैं?
नहीं, मेरा यह मानना है कि इस मुल्क में रहने वाले अपने धर्म के भीतर पूरी आजादी से रहें. भागवत जी ने हमारे सामने ऐसी कोई बात नहीं की कि मुल्क के अंदर जो निजाम है वह हिन्दू राष्ट्र चाहता है . हमारी मुलाकात में ऐसी कोई बात नहीं हुई.
क्या आपको लगता है आरएसएस अपनी हिंदू राष्ट्र की विचारधारा को नजरअंदाज या अस्वीकार कर सकता है?
हां, मैं समझता हूं कर सकता है. मुल्क के अंदर इस वक्त की जो सूरत है वो मुल्क को तबाही की तरफ धकेल रही है, देश की अर्थव्यवस्था या तो तबाह हो चुकी है या उसकी तरफ बढ़ रही है. इस हालत को देख कर हो सकता है कि मेरी सोच जो कल तक थी वो बदल जाए.
क्या आपने मोहन भागवत से लिंचिंग को लेकर बात की?
हां, बातें हुई हमारी, अच्छी बातें हुईं.अब इसका अंत आज नहीं लेकिन आने वाले दिनों में होगा.
तीन तलाक कानून और NRC पर मौलाना ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों पर मोहन भगवत से कोई बात नहीं की.
आप तीन तलाक की कई बार आलोचना कर चुके हैं, लेकिन अब इसके खिलाफ एक कानून बन गया है है, आप क्या सोचते हैं इस बारे में?
हम ये चाहते हैं कि तीन तलाक कानून के बारे में सलाह-मशविरा हो. हमें इस बिल से कोई दिक्कत नहीं है. अच्छा है आपने बिल बनाया लेकिन इस बिल में कुछ कमजोरी हैं जिन्हें दूर करना होगा.
क्या आपने NRC पर मोहन भागवत से बात की?
नहीं, मैंने इस बारे में बात नहीं की. इस बैठक का मकसद था कि देश में अमन-चैन की बहाली कैसे हो?
Q: अब आप अपने समर्थकों को क्या कहेंगे?
जब हम आगे कभी बात करेंगे तो एक नतीजे पर आएंगे. मैं इस बारे में अपने समुदाय में बात करूंगा. मोहन भागवत भी अपने समुदाय में अपनी बात करेंगे.
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