वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
वीडियो प्रोड्यूसर: अनुभव मिश्रा
न्यूजीलैंड के क्रास्टचर्च की दो मस्जिदों में घुसकर करीब 50 लोगों का हत्यारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का घनघोर प्रशंसक है. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन ने इसे बेहद भयावह घटना करार दिया है. बताया जाता है 4 हमलावरों ने मिलकर दो मस्जिदों को पूरी योजना बनाकर निशाना बनाया और वहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं.
एक हमलावर ने तो पूरी वारदात कैमरे में रिकॉर्ड की और उसका वीडियो सोशल मीडिया में डाल दिया. इस व्यक्ति की पहचान 28 साल के ब्रेंटन टारेंट के तौर पर हुई है जो ऑस्ट्रेलियाई है.
ट्विटर और फेसबुक ने इस हमलावर का अकाउंट बंद कर दिया है. हालांकि स्क्रीन शॉट अभी दिख रहे हैं.
हमलावर ने 73 पेज के अपने लेटर में खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थक बताया है. उसके मुताबिक ट्रंप कोई नेता या पॉलिसी बनाने वाले नहीं हैं बल्कि गोरे लोगों का दोबारा दबदबा कायम करने के सबसे बड़े सिंबल हैं.
हमलावर ब्रेंटन का कहना है कि इस आतंकवादी हमले का मकसद घुसपैठियों से बदला लेना है, ऐसे लोग जो हमारी धरती और जमीन पर घुस आए हैं. मतलब इस्लामी देशों से आने वाले प्रवासी.
विडम्बना ये है कि व्हाइट लोगों को ऑस्ट्रेलियाई के मूल निवासी घुसपैठिया कहते हैं, उनके मुताबिक ब्रिटेन ने जब ऑस्ट्रेलिया में व्हाइट लोगों को बसाया तो मूल निवासियों की बड़े पैमाने पर हत्याएं हुईं.
दो साल में बनाई हमले की योजना
हमलावर ब्रेंटन ने 73 पेज के दस्तावेज में खुद को ऑस्ट्रेलिया में जन्मा बताया है. अपने माता पिता को वो स्कॉटलैंड, आयरलैंड और इंग्लैंड से जुड़ा बताता है.
आतंकी का दावा है कि वो इस तरह के हमले की प्लानिंग दो साल से कर रहा था. इसने हमले के वक्त अपने हेलमेट में कैमरा फिट कर रखा था जिससे पूरी वारदात की रिकॉर्डिंग हो सके.
ये वीडियो बेहद विचलित करने वाले हैं, क्योंकि हमला करते वक्त ब्रेंटन गाने गुनगुना रहा था और कार के रेडियो में गाने चल रहे थे. कार के बूट में कई ऑटोमैटिक गन रखी थीं और बड़े पैमाने पर मैगजीन भी थी.
ब्रेंटन बार बार गन को लोड कर रहा था और कोई जिंदा ना बचे इसलिए उनके पास जाकर सिर और शरीर पर गोलियां मारता रहा.
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