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इलाज, खाना, पैसे...कौन जलाए रखता है शाहीन बाग की ‘मशाल’

जानिए किन लोगों के बूते 1 महीने से जारी है प्रदर्शन

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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास, प्रशांत चौहान

कैमरा: अभिषेक रंजन

राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में तकरीबन एक महीने से नागरिकता कानून(CAA) और एनआरसी का विरोध हो रहा है. शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में महिलाएं सबसे आगे हैं. महिलाएं रात-दिन सड़कों पर बैठ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करा रही हैं.

जानी मानी हस्तियों के साथ-साथ लोग भी बड़ी संख्या में शाहीन बाग की महिलाओं को समर्थन देने पहुं रहे हैं. बिना नेतृत्व के इस आंदोलन को वॉलंटियर्स, स्थानीय लोगों और छात्रों का खूब और अलग-अलग तरीके से समर्थन मेल रहा है. वे बिस्तर, खाना, दवाएं और सुरक्षा देने के लिए अलग-अलग शिफ्टों में काम करते हैं.

15 दिसंबर से ये प्रदर्शन जारी है और देश के बाकी इलाकों में भी इसका असर दिख रहा है. लोग शाहीन बाग की तरह ही जुटकर दिन रात प्रदर्शन कर रहे हैं.

जामिया से अंग्रेजी में पीएचडी कर रहीं वसुंधरा अपनी टीम के साथ उन बच्चों की देखभाल करती हैं, जो विरोध प्रदर्शन में अपनी मां के साथ शामिल होते हैं. वे एक स्टोर के बाहर बैठते हैं जो विरोध के कारण फिलहाल बंद पड़ा है और वहां बच्चों को पेंटिंग करने के लिए और पढ़ाई का सामान मुहैया कराती हैं.

यहां मेडिकल कैंप भी लगता है. तो कोई सेक्युलर चाय भी पिलाता है.

मिलिए उन लोगों से जिन्होंने जलाए रखा है शाहीन बाग की ‘मशाल’.

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