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पाताल लोक 2! आफताब मारता-पीटता था, फिर क्यों ‘निडर’ श्रद्धा चुप रही?

Shradha Murder case: श्रद्धा वालकर इतनी अकेली क्यों थी कि अपनों को राजदार न बना सकी. अपना दुख नहीं बांट सकी?

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Shradha Murder case: चेहरे पर मुस्कान और कॉन्फिडेंट लुक. खुद के फैसले लेते थी. कपड़े पहनने से लेकर पढ़ाई-प्यार या फिर करियर तक. सब कुछ खुद तय करने वाली श्रद्धा वालकर अब इस दुनिया में नहीं रही. लेकिन कैसे एक लड़की गायब हो जाती है. फिर भी उसके परिवार और दोस्तों को भनक नहीं पड़ी कि वो कहां गई?

आरोप है कि उसका बॉयफ्रेंड उसे मारता पीटता था लेकिन उसने कभी ये बात अपने परिवार को नहीं बताई.

आखिर श्रद्धा वालकर इतनी अकेली क्यों थी कि अपनों को राजदार न बना सकी. अपना दुख नहीं बांट सकी?

पिता को मंजूर ना था कि वो अपनी मर्जी से जिसके साथ चाहे उसके साथ रहे. उसके पिता विकास वालकर क्विंट से कहते हैं- “वो निडर लड़की थी, कुछ भी अकेले मैनेज कर लेती थी… वो ऐसी ही थी. इसलिए मुझे इस बात की चिंता नहीं थी कि वह अपना भविष्य संभाल लेगी.''

श्रद्धा और आफताब दोनों ही महाराष्ट्र के वसई से थे. 2019 में दोनों की मुलाकात एक डेटिंग एप पर हुई थी. दोनों के परिवारों को उनके रिश्ते पर आपत्ति थी. इसलिए आफताब और श्रद्धा दिल्ली चले आये. उसके पिता ने श्रद्धा से आखिरी बार 2021 में बात की थी.

लेकिन जिसपर ऐतबार करके श्रद्धा ने घर परिवार छोड़ा, आरोप है उसी आफताब ने उसका और उसके भरोसे का कत्ल कर दिया. जिस श्रद्धा के साथ आफताब ने इतने साल बिताए, आरोप है कि उसके शरीर के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रख दिए. दुर्गंध न आए इसलिए अगरबत्ती जलाता रहा. फिर उन्हें रात के अंधेरे में कई महीनों तक 18 जगहों पर ठिकाने लगाता रहा.
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आफताब ने कथित तौर पर श्रद्धा की हत्या मई में की थी और मामला तब खुला जब श्रद्धा के दोस्त ने उसके परिवार को बताया कि कई महीनों से श्रद्धा मैसेजेस का जवाब नहीं दे रही है. परिवार मुंबई पुलिस के पास गया और फिर मामला दिल्ली पुलिस तक पहुंचा तो खुलासा हुआ. आफताब के कथित कबूलनामे के बाद अब पुलिस श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को महरौली के जंगल में ढूंढ रही है.

एडिशनल डीसीपी (साउथ) अमित चौहान ने क्विंट को बताया कि “कपल अक्सर लड़ता था और कत्ल के दिन श्रद्धा वॉल्कर ने आफताब पूनावाला पर बेवफाई का आरोप लगाया था. पूनावाला ने उसका गला घोंट दिया और उसके शरीर के टुकड़े किए. नया फ्रिज खरीदा और फिर शरीर के टुकड़ों को उसमें रख दिया''

श्रद्धा क्यों इतनी अकेली थी इसका कुछ हद तक अंदाजा उसके पिता की बातों से लगता है...क्विंट से बातचीत में श्रद्धा के पिता विकास ने बताया-''मुझे उनका रिश्ता स्वीकार नहीं था क्योंकि धर्म अलग थे. मना किया कि इस रिलेशनशिप को आगे मत बढ़ाओ... नहीं तो बिरादरी से बाहर निकल जाओ.''

ये वारदात सिर्फ एक लड़की के कत्ल की नहीं है. इस क्राइम स्टोरी की कई परते हैं. एक लड़की जो अपने हिसाब से जीना चाहती थी, उसे इसकी इजाजत किसी ने नहीं दी. एक युवक जो सामने से सामान्य दिखता था वो अंदर से कुछ और था. कहा जा रहा है कि अफताब एक अमेरिकन क्राइम सीरीज से प्रेरित था. लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

आफताब महिला अधिकारों की बात करता था, लेकिन उसपर जो आरोप लगे हैं वो उसकी सोच के बारे में कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. ये कहानी ऐसी लड़कियों की भी है कि जिनके फैसलों को कभी धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर नामंजूर कर दिया जाता है. उन्हें मार डाला जाता है या फिर अलग-थलग कर दिया जाता है. श्रद्धा की मौत के बाद भी कुछ लोगों को श्रद्धा नहीं, सियासत की चिंता है. वो इसे नजीर की तरह पेश कर रहे हैं. क्या हम ऐसे पाताल लोक में पहुंच गए हैं?

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