उत्तर प्रदेश में पुलिस (Uttar Pradesh Police) की मनमानी का एक और उदाहरण सामने आया है. पुलिस की बर्रबरता इस बार आगरा के एक पत्रकार पर देखने को मिली है.
पुलिस वालों पर आगरा के एक पत्रकार गौरव बंसल ने आरोप लगाया है कि 8 मार्च को चुनावों में धांधली की एक खबर दिखाने के बाद उसपर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया. इतना ही उन्होंने ये भी बताया है कि पुलिस ने रात में उन्हें घर से उठा लिया और थाने ले जाकर खूब पिटाई की.
'घटनाक्रम को मैंने दिखाया तो वो मुझसे नाराज हो गए'
गौरव बंसल ने बताया कि घटना सिर्फ इतनी थी कि "8 तारिक को दक्षिण विधानसभा से प्रत्याशी विनय अग्रवाल जी और क्षमा जैन सक्सैना वहां पर भजन कीर्तन कर रहे थे. यहां पर हमारे एक स्थानीय पत्रकार हैं उन्होंने समाचार चलाया था, उसके बाद मुझे समाचार मिला और मैं मौके पर पहुंचा, जहां पर विरेन सिंह चौहान जी जो एतमादपुर से प्रत्याशी थे समाजवादी पार्टी के, वो आ गए और वहां पर थाना अदमातौला के SHO शर्मा जी भी आ गए. इसके बाद दोनों में तकरार होने लगी." उसने आगे कहा,
मैंने इसका वीडियो बनाया और दिखाया कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और सत्यदेव शर्मा के बीच तकरार हो रही है. जब इस घटनाक्रम को मैंने दिखाया तो जाहिर सी बात है वो मुझसे नाराज हो गए.
गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
पत्रकार गौरव ने आगे बताया कि "10 तारिक को मैंने ये पाया कि 2 मुकदमें फर्जी लिख दिए गए 7 सीएलए में, जिसमें ये दर्शाया गया कि मैं 15 लोग लेकर के मंडी समिती के अंदर गया.. उसके बाद मैंने वहीं भीड़ इकट्ठी करी और इवीएम को बदलने का प्रयास किया. मैंने एक SI और 3 एसएचओ को मारा...इससे बड़ी दुर्भीग्पूर्ण और झूठी घटना कभी नहीं हो सकती."
गौरव ने आगे बताया कि "रात में करीब 80 पुलिस वाले आए और एक अपराधी की तरह मुझे घर से उठाकर ले गए. उन्होंने कहा कि रात में जब पुलिस वहां पहुंची थी तो उसकी बूढ़ी मां की हार्ट अटैक से मौत भी हो सकती थी. मेरे हांथ वहां पर बुरी तरह कांप रहे थे जो परिचायक थे इस बात का कि किस तरह से पुलिस ने थर्ड डिग्री दी है."
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण को आगरा के एक आलाअधिकारी के इशारे पर अंजाम दिया है और कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में इस पूरे प्रकरण की CBI जांच की मांग करता हूं.
इनपुट-मानवेंद्र मल्होत्रा
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