वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है...इसे ठाकरे परिवार के ही एक सदस्य ने पोस्ट किया है. इस पोस्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या आदित्य ठाकरे 2019 में चुनाव लड़ने वाले हैं? अगर ऐसा है तो क्या ठाकरे परिवार की परंपरा टूटने वाली है?
आदित्य ठाकरे के मौसी के लड़के वरुण सरदेसाई ने आदित्य के साथ गले लगते हुए एक फोटो शेयर कर लिखा - यही समय है, यही मौका है...लक्ष्य विधानसभा चुनाव 2019..महाराष्ट्र आपका इंतजार कर रहा है.
ये पोस्ट इसलिए अहम है क्योंकि वरुण को आदित्य का बेहद करीबी माना जाता है.
अगर आदित्य ठाकरे चुनावी राजनीति में उतरते हैं तो वे ठाकरे परिवार से पहले व्यक्ति होंगे जो ऐसा करेंगे. ठाकरे परिवार में चुनाव लड़ने की कोई प्रथा नहीं है.
19 जून, 1966 को शिवसेना की स्थापना करने वाले शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने राज्य में पार्टी मजबूत किया लेकिन वे खुद कभी चुनावी अखाड़े में नहीं उतरे. बाला साहब पर रिमोर्ट कंट्रोल से पार्टी और सरकार चलने के भी आरोप लगते रहे.
शिवसेना प्रमुख के निधन के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को लेकर भी शुरुआत में चुनाव लड़ने की खबरें आईं लेकिन उद्धव ठाकरे ने बाला साहब की तरह कभी चुनाव नहीं लड़ा.
आदित्य ठाकरे को राजनीति में आये करीब 9 साल हो गए हैं. 17 अक्टूबर, 2010 को आदित्य ठाकरे ने शिवसेना की दशहरा रैली में शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का आशीर्वाद लेकर युवा सेना शुरू की.
चाहे छात्रों के मुद्दे उठाना हो, या फिर यूथ के लिए मुंबई में ओपन जिम का आइडिया देना, या फिर मुंबई में रूफ टॉप रेस्ट्रां या नाइट लाइफ की मांग....आदित्य ने पिछले नौ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है. उनके ओपन जिम वाले आइडिया का तो बॉलीवुड के कई सितारों ने भी सपोर्ट किया.
वरुण के पोस्ट के बाद एक और घटना हुई. 13 जून को आदित्य ठाकरे के बर्थडे पर शिवसेना के कई नेताओं ने मांग कर दी कि उन्हें आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीएम पद के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए.
भविष्य में वे (आदित्य ठाकरे) राज्य का नेतृत्व कर सकते हैं. चीजें इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं.संजय राउत, प्रवक्ता, शिवसेना
तो क्या न सिर्फ आदित्य को चुनाव लड़ाने की तैयारी है बल्कि क्या उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार भी बनाया जा सकता है? वरुण सरदेसाई पहले ही बता चुके हैं कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच ढाई-ढाई साल सीएम पद लेने की डील हुई है.
खबर ये भी है कि आदित्य ने खुद वर्ली और माहिम विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठक की है. हालांकि हाल ही में जब पत्रकारों ने आदित्य से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. तो क्या महाराष्ट्र की राजनीति कोई नया मोड़ लेने वाली है? इस सवाल का जवाब जल्द मिलने की उम्मीद है.
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