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बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पहलवानी का बताकर पाकिस्तानी पहलवान का वीडियो शेयर करने से लेकर, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक युवती की पिटाई का वीडियो गलत जातीय एंगल से शेयर करने तक. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल तमाम गलत दावों का सच क्विंट की वेबकूफ टीम ने आपको बताया.
ऐसे तमाम गलत दावों का सच यहां एक साथ देख सकते हैं.
कुश्ती का एक वीडियो शेयर कर ये दावा किया गया कि ये बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है.
हालांकि, जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि ये वीडियो पाकिस्तान के एक पहलवान का है, जिसका नाम गुलाम हुसैन पठान है. दोनों अलग-अलग लोगों को एक ही बताकर गलत दावा किया जा रहा है.
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सोशल मीडिया पर गली में दिख रही भारी भीड़ का एक वीडियो भीम आर्मी (Bhim Army) का बताकर शेयर किया गया. लोगों ने वीडियो को #JaiBhim, #Bhimarmy जैसे हैशटेग से शेयर किया.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि न तो वीडियो में दिख रही भीड़ भीम आर्मी के समर्थन में उतरी है, न ही ये वीडियो भारत का है. ये वीडियो दिसंबर 2022 का है और इसमें दिख रही भीड़ FIFA वर्ल्डकप फाइनल में अर्जेंटीना की जीत की खुशी में उतरी है. वीडियो अर्जेंटीना के buenos aires शहर का है.
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सोशल मीडिया पर दो गुटों के बीच मारपीट का एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि एक थिएटर में पठान की स्क्रीनिंग के बाद शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के प्रशंसकों ने बजरंग दल (Bajrang Dal) वालों को पीटा.
असल में ये वीडियो यूपी के अमरोहा में एक सिनेमा हॉल का है. जहां पठान की रिलीज वाले दिन कोल्ड ड्रिंक को लेकर कुछ लोगों में आपस में मारपीट हो गई थी.
साफ है कि दो पक्षों के बीच झगड़े का वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया गया कि शाहरुख के प्रशंसकों ने बजरंग दल वालों की पिटाई कर दी.
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एक वायरल वीडियो में कुछ लोग एक महिला की पिटाई कर रहे हैं. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि ''हिंदू शख्स दलित महिला को पीट रहे हैं''. कुछ लोगों ने ये दावा किया कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश का है.
ये घटना यूपी की नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की है. इसके अलावा, इसमें कोई जातीय एंगल नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के मुताबिक, लड़की की पिटाई उसके रिश्तेदारों ने की थी. क्योंकि वो कथित तौर पर लड़के से फोन में बात कर रही थी.
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सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल है, जिसे देखने पर लगता है कि ये पत्थर पर बनाई गई कोई कलाकृति है, जिसमें एक शख्स कम्प्यूटर पर काम करता दिख रहा है. दावा किया गया कि ये कलाकृति 1400 साल पहले पल्लव राजा नरसिम्हा ने लालगिरी मंदिर में बनाई थी, जिसमें एक शख्स कम्प्यूटर पर काम कर रहा है.
ये कलाकृति मेक्सिकन कलाकार रॉल क्रूज ने बनाई थी, द क्विंट की वेबकूफ टीम से रॉल क्रूज ने पुष्टि भी की कि ये उन्होंने पहली बार 25 साल पहले बनाई थी. रॉल क्रूज ने आगे कहा ''इसका भारत से कोई संबंध नहीं है. ये सिर्फ एक मनोरंजक काम था , जो मेरे जैसे कलाकार सालों से कर रहे हैं. इसमें मैंने मनोरंजन और साइंस फिक्शन को अपने देश की पुरातन सभ्यता के साथ मिलाकर दिखाने की कोशिश की है.''
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