अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को उस वक्त जोर का झटका लगा, जब दो मंत्रियों और 12 विधायकों सहित कुल 15 नेताओं ने मंगलवार को पार्टी छोड़कर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल होने का ऐलान कर दिया. इनमें राज्य के गृह मंत्री कुमार वाई और राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष जारपुम गामलिन, पर्यटन मंत्री जारकर गामलिन का नाम भी शामिल है.
बता दें कि अरुणाचाल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव होंगे. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई बड़े नेता और मंत्रियों का टिकट काट दिया. जिसके बाद कई विधायकों ने बड़े पैमाने पर पार्टी छोड़ने का यह कदम उठाया.
अरुणाचल में है बीजेपी की सरकार
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं. जिसमें से साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48, एनपीपी को 4 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा 2 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं थीं. फिलहाल अरुणाचल में बीजेपी के पेमा खांडू मुख्यमंत्री हैं.
क्यों शुरू हुआ घमासान?
दरअसल, राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 54 के लिए उम्मीदवारों के नामों पर बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने रविवार को मुहर लगाई. इस लिस्ट में पार्टी के राज्य महासचिव जारपुम गामलिन, गृहमंत्री कुमार वाई, पर्यटन मंत्री जारकर गामलिन और कई विधायकों का नाम नहीं था. जिसके बाद कुल 15 लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अरुणाचल में 11 अप्रैल को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं.
सोमवार को जारपुम गामलिन ने बीजेपी की अरुणाचल इकाई के अध्यक्ष तापिर गाओ को अपना इस्तीफा भेजा. वह सोमवार सुबह से ही गुवाहाटी में हैं, जहां मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने उनसे मुलाकात की.
एनपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "जारपुम, जारकर, कुमार वाई और भाजपा के 12 मौजूदा विधायकों ने एनपीपी महासचिव थामस संगमा से मंगलवार को मुलाकात की और एनपीपी में शामिल होने का फैसला किया." उन्होंने कहा कि इन नेताओं के आने से एनपीपी मजबूत होगी.
इस बीच, एनपीपी ने पूर्वोत्तर राज्यों की सभी 25 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने मेघालय के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. बाकी सीटों की भी सूची जल्द जारी की जाएगी.
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